Gajraj Yojana Chhatisgarh 2019 Kya Hea | Latest News | गजराज व जामवंत योजना

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छत्‍तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों और भालुओं का बहुत आतंक है। जंगली हाथी और भालू अक्‍सर जंगलों से बाहर निकल कर आबादी वाले गांवों में आ जाते हैं।

जिसकी वजह से इंसानों और जंगली जानवरों के बीच युद्ध शुरू हो जाता है। यह समस्‍या इतनी बड़ी और विकराल है, कि राज्‍य सरकार भी प्रदेश में Gajraj Yojana Chhatisgarh तथा Jamvant Yojana पर लगातार काम करती रही है।

लेकिन इन दोनों योजनाओं के होने के बावजूद छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में हाथियों और भालुओं के आतंक से लोगों को निजात नहीं मिल पाई है।

इसका सीधा कारण यह है कि Gajraj Yojana तथा जामवंत योजना को लागू करने के लिये पर्याप्‍त मात्रा फंड निर्गत नहीं किया जाता है।

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने जोरदार जीत हासिल की है। कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्‍टों में Gajraj Yojana को प्रमुखता से स्‍थान दिया था।

चूंकि अब प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है, ऐसे में छत्‍तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के लोग उम्‍मीद कर रहे हैं, कि गजराज योजना 2019 को ठीक ढंग से लागू किया जाएगा।

Gajraj Yojana Chhatisgarh क्‍या है

Gajraj Yojana Chhatisgarh 2019 Kya Hea Full Detail in Hindi
गजराज योजना 2019

विगत वर्षों में पिछली सरकार ने 2014 में कैम्‍पा फंड के तहत छत्‍तीसगढ़ सरकार ने 152 करोड़ रूपये स्‍वीकृत किये थे।

इस योजना के तहत जंगली हाथियों के झुंड पर सैटेलाइट की मदत से नजर रखने का प्रस्‍ताव था। ताकि उन्‍हें समय रहते गांवों और खेतों के नजदीक पहुंचने से रोका जा सके।

असल में जंगली हाथी और भालू भोजन तथा पानी की तलाश में गांवों के अंदर तक आ जाते हैं और खेतों में लगी फसल को पूरी तरह बरबाद कर देते हैं।

इसके अलावा जंगली जानवरों के साथ होने वाले ग्रामीणों के संघर्ष में इंसानों की मौत भी हो जाती है। इसी जान माल की क्षति को कम करने के लिये नई सरकार भी गंभीरता पूर्वक Gajraj Yojana 2019 को Chhatisgarh में लागू करने पर विचार कर रही है।

Gajraj Yojana 2019 का संभावित प्‍लान

चूंकि यह योजना नई सरकार के एजेंडे में महत्‍वपूर्णं स्‍थान रखती है। इसलिये आम जन मानस को उम्‍मीद है, कि नई सरकार के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल इस योजना के लिये ज्‍यादा धनराशि आवंटित कर सकते हैं।

इस योजना के तहत 26 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्‍यादा बड़े इलाके में वनों का विकास किया जा सकता है। साथ ही हाथियों के हमले से प्रभावित 600 से ज्‍यादा गांवों में कटीले तारों की बाड़ से घेर कर सुरक्षित किया जा सकता है।

यह तार फेंसिंग सोलर सिस्‍टम पर आधारित होगी। जिसकी वजह से हाथी इन तारों को तोड़ने का प्रयास नहीं करेंगें।

वहीं गजराज योजना 2019 के तहत जंगलों में हाथियों के पसंदीदा भोजन वाले पेड़ पौधों का रोपण किया जाएगा। ताकि उन्‍हें जंगल के अंदर ही पर्याप्‍त मात्रा में भोजन मिलता रहे।

साथ ही जंगलों में तालाब और छोटे बरसाती नदी नालों पर डैम भी बनाये जाने की संभावना है। जिसकी वजह से हाथियों समेत अन्‍य जंगली जानवरों को पीने के लिये पानी उपलब्‍ध कराया जा सके।

सरकार का स्‍पष्‍ट मानना है, कि जब हाथियों को जंगल में ही पर्याप्‍त भोजन और पानी आसानी से सुलभ होने लगेगा, तो वह खेतों और आबादी वाले गांवों की ओर रूख करना बंद कर देंगे।

इसके अलावा हाथियों पर नजर रखने के लिये नवीनतम तकनीक का भी बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। यही वजह है कि हाथियों के झुंड पर उपग्रह की मदत से उन पर नजर रखने का प्‍लान बनाया जा रहा है।

Gajraj Yojana 2019 के अलावा Jamvant Yojana 2019 का संभावित प्‍लान

Jamvant Yojana Chhatisgarh 2019 in Hindi
जामवंत योजना

गजराज योजना से जुड़ी हुई 1 अन्‍य योजना का नाम जामवंत योजना है। इस योजना के दायरे में जंगली भालु आते हैं।

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि छत्‍तीसगढ़ में 4 ऐसे मंडल हैं, जहां भालुओं का आतंक व्‍याप्‍त है। इन मंडलों के आसपास घने वन मौजूद हैं।

इन्‍ही जंगलों में बड़ी तादात में भालु पाये जाते हैं। भालु भी भोजन तथा पानी की तलाश में खेतों और गांवों में घुस आते हैं और खेतों में खड़ी फसल को चट कर बरबाद कर देते हैं।

इसके अलावा भालुओं तथा इंसानों के बीच होने वाले संघर्ष में कभी भालुओं की जान चली जाती है, तो कभी इंसानों की।

यही कारण है कि सरकार हाथियों के साथ साथ भालुओं को भी गंभीरता से ले रही है। जंगली भालु से प्रभावित जिलों में बड़ी तादात में हेल्‍प सेंटर खोले जाएगें। ताकि मदत की गुहार आने पर तेजी से मदत पहुंचाई जा सके।

वहीं भालुओं के लिये जंगलों में बेर तथा महुआ आदि के पेड़ पौधे लगाये जाएंगें। इसके अलावा भालुओं की भोजन श्रंखला के तहत आने वाले अन्‍य पेड़ पौधों का भी रोपण बड़े पैमाने पर किये जाने की संभावना है।

जामवंत योजना के तहत ग्रामीणों, स्‍कूली बच्‍चों तथा ग्राम पंचायतों को भी जागरूक बनाया जाएगा। ताकि लोग स्‍थानीय स्‍तर पर भी भालुओं से अपना बचाव कर सकें।

Gajraj Yojana 2019 के लाभ

  • गजराज योजना के तहत वनों का विकास होगा, जिससे जंगली हाथियों के लिये बड़ा आवास क्षेत्र विकसित होगा।
  • वनों में हाथियों के पसंदीदा पेड़ पौधे लगाने से हाथियों को जंगल में ही भोजन सुलभ हो जाएगा, जिससे वह इंसानी आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रहेंगें।
  • जंगलों में तालाब और डैम आदि बनाये जाने से जंगली जानवरों को पीने के लिये पानी आसानी से उपलब्‍ध हो जाएगा।
  • इंसान तथा जंगली जानवरों के बीच होने वाले संघर्ष में कमी आएगी।
  • जामवंत योजना के तहत प्रभावित जिलों में हेल्‍प सेंटरों की संख्‍या बढ़ाई जाएगी।
  • ग्रामीण स्‍तर पर जागरूकता अभियान चलाये जाएंगे, ताकि लोग भालुओं से अपना समय रहते बचाव कर सकें।
  • भालुओं को भी जंगलों का विकास करके भोजन उपलब्‍ध कराया जाएगा।

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