Cage Fish Farming Yojana Details in Hindi : उत्तरप्रदेश में भारत सरकार के द्धारा संचालित की जा रही केज कल्चर योजना यानि Cage Fish Farming Scheme प्रदेश के अनेक जिलो में लागू की जा रही है। यह योजना पंरपरागत मछली पालन के काम को एक नया आयाम देने जा रही है।
केज फिश फार्मिंग को Cage Culture Yojana के तहत प्रदेश के कई जिलों में लागू कर दिया गया है। इसलिये आज हम आपको Fish Farming Subsidy in UP के तहत विस्तार से Information प्रदान करेंगें।
ताकि आप भी इस योजना का लाभ उठा कर मछली पालन के कार्य को करते हुये आसानी से पैसा कमा पायें। तो चलिये हम आपको Cage Culture Machli Palan के बारे में विस्तार से तथा Step by Step जानकारी प्राप्त करते हैं।
Cage Fish Farming Yojana क्या है? What is Cage Culture Fish Farming in India 2022
Cage Fish Farming Subsidy in UP : केज फिश फार्मिंग योजना के तहत पिंजरा पद्धति से मछली पालन किया जाता है। उत्तर प्रदेश में पिंजरा पद्धति से मछली पालन की शुरूआत बुंदेलखंड रीजन से हो रही है।
Cage Culture Yojana भारत सरकार की नीली क्रांति योजना के तहत संचालित की जाएगी। जिसका क्रियान्वयन मत्सकीय विभाग के द्धारा किया जायेगा।
यूपी के बुंदेलखंड संभाग के बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर जिलों में मौजूद बांधों में विदेशों की तर्ज पर मछली पालन किया जा रहा है।
Cage Fish Farming Yojana in Hindi 2022 के तहत चिन्हित 4 प्रमुख बांधों का विवरण
- 1 – झांसी – बड़वार डैम
- 2 – बांदा – रनगवां डैम
- 3 – महोबा – अर्जुन डैम
- 4 – ललितपुर – शहजाद डैम
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Cage Fish Farming Yojana के मछली उत्पादन का आकलन
बुंदेलखंड रीजन में मौजूद चारों बांधों में बीज Cage Fish Farming के तहत पिंजरों में डाले जायेंगें। जिनसे करीब 1000 क्विंटल मछलियां तैयार होंगी।
केज कल्चर योजना उत्तरप्रदेश के तहत बांधों में शुरूआती चरण में कुल 48 केज बनाये जा रहे हैं। इन्हीं Cage में मछली पालन किया जायेगा।
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केज कल्चर योजना के तहत पिंजरों की लागत व Subsidy क्या होगी?
Cage Fish Farming Subsidy : केज कल्चर मछली पालन के लिये बनने वाले पिंजरों की लागत प्रति पिंजरा 18 लाख रूपये है। इस राशि में मछलियों का दाना तथा मछलियों को दी जाने वाली दवा की लागत भी शामिल है।
यूपी में मत्सय पालकों को प्रत्येक पिंजरा (मय दवा तथा दाना के) 18 लाख रूपये का पड़ेगा। इस पिंजरे को योजना के तहत चयनित लाभार्थी मत्सय पालक को 40% अनुदान दिया जायेगा।
इस अनुदान में 60 प्रतिशत अंशदान केंद्र सरकार के द्धारा तथा 40 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार देगी। बाकी का 40 प्रतिशत अंशदान मत्सय पालक को स्वयं वहन करना होगा।
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केज फिश फार्मिंग के लिये पिंजरों का निर्मांण
केज कल्चर मत्सय पालन परियोजना के तहत पिंजरों का निर्मांण फाइबर तथा जाल के द्धारा किया जायेगा। प्रत्येक पिंजरे की लंबाई 7.5 मीटर, चौंड़ाई 7.65 मीटर तथा गहराई 1.5 मीटर होगी।
फाइबर के इस Cage में चारों तरफ जाल लगा होगा। यह सभी पिंजरे बांधों में डूबे रहेंगें। यह पिंजरे हल्के होने के कारण डूबे रहने के साथ साथ पानी की ऊपरी सतह पर तैरते रहेंगें।
जिसके कारण मत्सय पालकों को जरूरत के हिसाब से पिंजरों इधर उधर सरकाने में आसानी होगी। इस पद्धति से बुंदेलखंड के बांधों में समुद्री मछलियों का उत्पादन किया जाना संभव होगा।
Cage Fish Farming Scheme की अवधारणा किन देशों से प्रभावित है?
उपनिदेशक मत्सय, झांसी / चित्रकूट धाम मंडल, बांदा श्री ज्ञानेंद्र सिंह के अनुसार Cage Culture फिश फार्मिंग की शुरूआत सबसे पहले चीन और थाइलैंड में हुई थी। जिसके परिणामों से उत्साहित होकर भारत सरकार ने इसे देश के सभी राज्यों में स्थित बांधों में लागू करने की योजना लागू की है।
उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड रीजन के बांधों में पंगा प्रजाति की समुद्री मछली का पालन किया जायेगा। क्योंकि यह समुद्री मछली बांधों के पानी में बहुत आसानी से सर्वाइव कर पाती है। इसलिये इस मछली के बीज से अत्याधिक उत्पादन मत्सय पालकों को मिलता है।
केज मछली पालन के लिये पंगा प्रजाति का बीज कितने रूपये में मिलेगा?
केज कल्चर योजना के तहत की जाने वाली Cage Fish Farming के लिये चयनित मत्सय पालकों / ठेकेदार को पंगा प्रजाति के मछली का बीज 5 रूपये प्रति बीज के हिसाब से मिलेगा।
जिसके तहत एक Cage में करीब 20 हजार बीज डाले जायेंगें। इसके अलावा मछलियों का दाना (फार्मुलेटेड फ्लोटिंग फिश फीड) 34 रूपये प्रति किलो की दर से दिया जायेगा। एक अनुमान के हिसाब से प्रत्येक Fish Farming Cage में 3900 किलोग्राम दाना इस्तेमाल होगा।
केज कल्चर फिश फार्मिंग योजना के तहत मत्सय पालकों की भूमिका क्या होगी?
केज कल्चर मछली पालन योजना यूपी के तहत चयनित सभी मत्सय पालकों को मछली पालन का काम स्वयं करना होगा। सरकार तथा मत्सयकीय विभाग आपको पिंजरे, दाना तथा 60 प्रतिशत सब्सिडी ही उपलब्ध करायेगा।
Cage Culture Fish Farming Subsidy in UP की निर्धारित दरें
- सरकार की ओर से केज बनवाने के लिये सब्सिडी अनुदान राशि 1.80 लाख रूपये निर्धारित है।
- इसके अलावा दवाईयों के लिये 28 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे।
केज कल्चर फिश फार्मिंग योजना के लिये जरूरी पात्रता
- योजना के तहत आवेदन करने वाला व्यक्ति यदि पिछले 5 साल से लगातार मछली पालन कर रहा है तो उसे पात्र माना जायेगा।
- आवेदक उत्तरप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- तालाबों में बड़े पैमाने पर मछली पालन करने वाले मत्सय पालक को पात्र माना जायेगा।
- आवेदक इस योजना के तहत प्रति वर्ष 50 लाख रूपये Invest करने की क्षमता रखता है, तो वह सीधे तौर पर इस योजना के तहत पात्र होगा।
Documents Required for Cage Culture Fish Farming
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- सोलवंसी सार्टिफिकेट
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
Cage Fish Farming Yojana Me Avedan Kaise Kare | केज फिश फार्मिंग कैसे करें?
How to Apply for Cage Fish Farming Scheme in UP : दोस्तों, यदि आप केज फिश फार्मिंग योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं। तो इसके लिये आपको अपने क्षेत्र के मत्सकीय विभाग में जाकर Cage Culture Fish Farming Form की मांग करनी होगी।
फार्म प्राप्त हो जाने के बाद आपको उसे साफ साफ अक्षरों में भरना है, तथा सभी संलंग्नक दस्तावेजों के साथ मत्सकीय विभाग में जमा कर देना है। जिसके बाद आपके आवेदन पत्र की जांच होगी।
जांच में सब कुछ सही पाये जाने की स्थिति में आपको योजना के तहत चयनित कर लिया जायेगा। जिसकी सूचना आपको विभाग के द्धारा दी जायेगी।
ध्यान रहे यदि आवेदन पत्र निर्धारित संख्या से अधिक आते हैं, तो मत्सकीय विभाग लॉटरी पद्धति से लाभार्थी मत्सय पालकों का चयन करेगा।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट Cage Fish Farming Yojana में आवेदन कैसे करें – केज कल्चर योजना उत्तरप्रदेश यदि आप Machli Palan UP, Cage Machhli Palan in Uttarpradesh से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
मछली पालकों के लिए बेहतरीन खबर है।मछली पालक इस योजना का लाभ उठाकर अच्छी आमदनी पा सकते हैं।