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उत्तरप्रदेश में पिछले 2 दशकों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रगति करने के लिये बहुत सी योजनायें चलाई जा रही हैं।
जिनके अच्छे परिणाम भी अब सामने आना शुरू हो गये हैं। आज उत्तरप्रदेश में दुग्ध उत्पादन में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन कर करे गौपालकों के प्रोत्साहन के लिये Nand Baba Puraskar Yojana शुरू की है।
नंद बाबा पुरस्कार योजना का एकमात्र मकसद उत्तरप्रदेश में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी करना और गौपालकों का उत्साहवर्धन करना है।
यह पुरस्कार विशेष रूप से उन पशुपालकों के लिये है, जो देशी गायों को पालते हैं और उनसे दूध का अधिक से अधिक उत्पादन करते हैं।
What is Nand Baba Puraskar Yojana | नंदबाबा पुरस्कार योजना उत्तरप्रदेश क्या है
नंद बाबा पुरस्कार योजना उत्तर प्रदेश में देशी गायों से सार्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुपालकों के लिये है।
देशी गायों को पालने व उनसे दूध उत्पादन करने वाले पशुपालकों को इस योजना के तहत ‘’गौपालक’’ कहा जाता है।
जो गौपालक विकास खंड, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करता है, उसे राज्य सरकार की ओर से Nand Baba Puraskar Yojana से सम्मानित किया जाता है।
Nand Baba Puraskar Yojana यूपी के लाभ
(1) नंदबाबा पुरस्कार योजना से गौपालकों को पुरस्कार स्वरूप बड़ी धनराशि प्राप्त होती है।
(2) इस योजना से पशुपालकों को देशी गायों के पालन को प्रोत्साहन मिलता है।
(3) गौपालकों को इस योजना के तहत जिला दुग्ध सहकारी समितियों से जोड़ा जाता है।
(4) यह दुग्ध सहकारी समितियां गाय का दूध खरीदती हैं, जिससे गौपालकों की आय में वृद्धि होती है।
(5) इन सहकारी समितियों से ग्रामीण स्तर पर मौजूद देशी गायों के गौपालकों को जोड़ा जाता है और फिर दुग्ध संघ में पंजीकृत कराया जाता है।
Uttar Pradesh Nand Baba Puraskar Yojana के तहत क्या क्या मिलता है
(1) विकास खंड स्तर के विजेता गौपालक को 5,100 रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है।
(2) जनपद स्तर पर विजेता गौपालक को 21,000 रूपये धनराशि प्रदान की जाती है।
(3) राज्य स्तर पर विजेता गौपालक को 51,000 रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है।
(4) सभी विजेताओं को पुरस्कार राशि के साथ शील्ड तथा प्रमाणपत्र भी दिये जाते हैं।
Nand Baba Puraskar शील्ड कैसी होती है
नंदबाबा पुरस्कार योजना के तहत दी जाने वाली शील्ड बहुत ही सुंदर और आकर्षक होती है। इस शील्ड पर गाय तथा बछड़े के साथ साथ नंदबाबा की मूर्ति होती है।
Nand Baba Puraskar 2019 की विशेषताएं
इस साल भी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नंदबाबा पुरस्कार योजना को लेकर जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
शासनादेश संख्या पत्रांक सी-815 / दुग्ध-4 / नियो0 / नंदबाबा पुरस्कार / 2018-19, दिनांक 28 जनवरी 2019 के अनुसार नंदबाबा पुरस्कार के लिये 52 लाख 1 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
इस धनराशि को प्रादेशिक को – ऑपरेटिव डेरी फेडरेशन लिमिटेड लखनऊ को उपलब्ध करा दिया है। इसलिये जल्द ही नंदबाबा पुरस्कार के लिये आवेदन आमंत्रित कर गौपालक को पुरस्कृत किये जाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
Nand Baba Puraskar UP 2019 के लिये जरूरी पात्रता
दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति से जुड़ा कोई भी गौपालक जो 1 साल में देशी गायों से कम से कम 1500 लीटर दूध का उत्पादन करता है, वह सीधे तौर पर इस योजना का पात्र माना जाएगा।
उत्तरप्रदेश राज्य के सभी मूल निवासी इस योजना के लिये पात्र हैं।
Nand Baba Puraskar Uttarpradesh के जरूरी नियम
(1) जिस विजेता का चयन विकास खंड स्तर पर किया जाएगा, उसे जिला स्तर पर अथवा राज्य स्तर पर नंदबाबा पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
(2) दूध का सार्वाधिक उत्पादन करने वाले गौपालक का चयन सहकारी समिति के द्धारा दूध का क्रय तथा भुगतान रजिस्टर के साक्ष्य के आधार पर किया जाएगा।
(3) दूध के क्रय तथा भुगतान के आधार पर सहकारी समिति निर्धारित प्रारूप पर सूचना देगी और उसे प्रबंध समिति से प्रस्ताव पारित करा कर दुग्ध संघ के पास भेजेगी।
(4) दुग्ध संघ जनपद से प्राप्त सभी सूचनाओं का मिलान करेगी तथा विकास खंड, जनपद स्तर तथा राज्यस्तरीय कमेटी के समक्ष चयन के लिये विचारार्थ प्रस्तुत करेगी।
Nand Baba Puraskar Yojana Me Avedan Kaise Kare | नंदबाबा पुरस्कार योजना में आवेदन कैसे करें
नंदबाबा पुरस्कार में आवेदन करने के लिये किसी प्रकार की ऑनलाइन सेवा उपलब्ध नहीं है। इसलिये इस पुरस्कार के लिये सभी आवेदन ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत ही स्वीकार किये जाएंगें।
यदि आप नंदबाबा पुरस्कार 2019 के लिये आवेदन करना चाहते हैं, तो आप ग्रामीण स्तर पर उस सहकारी समिति से संपर्क करें, जहां आप पंजीकृत हैं।
आपको Nand Baba Puraskar Yojana Form उसी सहकारी समिति अथवा दुग्ध संघ से ही प्राप्त होगा। जिसे आप भलि भांति भरने के बाद जमा कर सकते हैं।
यदि आपने विकास खंड स्तर पर देशी गायों से 1 साल में कम से कम 1500 लीटर दूध का उत्पादन किया है, तो आपका चयन नंदबाबा पुरस्कार के लिये संभव है।
याद रखें जो किसान जितना अधिक दूध का उत्पादन करेगा और उसका डाटा दूध क्रय तथा भुगतान रजिस्टर में दर्ज होगा। वह उतना ही बड़ा पुरस्कार जीतने का गौरव हासिल कर सकता है।
एक बार नंद बाबा पुरस्कार योजना उत्तरप्रदेश के तहत विजेताओं का चयन हो जाता है, तो फिर कुछ समय के बाद पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की भी घोषणा कर दी जाती है।
जिसके बाद सार्वाधिक दूध का उत्पादन करने वाले गौपालकों को विकास खंड स्तर पर, जनपद स्तर पर तथा राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
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