भारत के अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लिये मोदी सरकार ने Ustad Yojana Loanलागू की है। Ustad Yojana पीएम मोदी के Skill Development Scheme का हिस्सा है।
इस योजना के तहत पारंपरिक कलाओं एवं शिल्प आदि के क्षेत्र में लोगों को निपुण बनाने के लिये लागू की गई है। इसे भारत की Ministry of Minority Affairs के द्धारा चलाया जा रहा है।
इस योजना का लाभ देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों को पहुंच रहा है। चूंकि भारत में मुस्लिम समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक तबका है। इसलिये इस समुदाय के लोग Ustad Yojana से सबसे ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं।
Ustad Yojana से सबसे ज्यादा फायदा Banarasi Saree और Kaleen Carpet बनाने वाले कारीगरों को हो रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय के जो नवयुवक इस काम को करने में पूरी तरह दक्ष नहीं हैं, उन्हें इस योजना के तहत निपुण बनाया जा रहा है।
ताकि वह पारंपरिक कलाओं में दक्ष हो जाएं और अपना खुद का Small Business शुरू कर अपने परिवार के लिये जीवन यापन करने लायक अच्छी आमदनी हासिल कर सकें।
उस्ताद – पारंपरिक कलाओं – शिल्पों के विकास हेतू कौशल विकास एवं प्रशिक्षण योजना है। भारत सरकार ने Ustad Yojana को अल्पसंख्यक समुदाय की पारंपरिक कलाओं के संरक्षण के मकसद से लागू किया है।
पारंपरिक कलायें भारत के लघु एवं कुटीर उद्धोगों की श्रेणी में आती हैं और यह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हडडी हैं। इन पारंपरिक कलाओं और शिल्पों के जरिये देश को बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा हासिल होती है।
Ustad Yojana में एप्लाई करने वाले लोगों को चुने जानें पर कुछ सुविधायें भी प्राप्त होगीं। जिनमें आवेदकों को रहने व खाने के लिये प्रति चयनित अभ्यार्थी को 7,500 रूपये प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाएगा। साथ ही प्रति चयनित अभ्यार्थी को 3000 रूपये प्रतिमाह की दर से Scholarship भी प्रदान की जाएगी।
Ustad Yojana Me Online Apply करना संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि यह योजना भारत सरकार की Ministry of Minority Affairs के द्धारा Project Implementing Agencies (PIA) के द्धारा चलाई जा रही है।
इसलिये यदि आप Ustad Yojana Loan Me Avedan करके प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, तो आपको Project Implementing Agencies के कार्यालय में जाकर ऑफलाइन फार्म भर कर देना होगा। Project Implementing Agencies फार्म के साथ कुछ प्रमाणपत्र की कॉपी संलग्न करने को कहेगी।
जिन्हें आपको फार्म के साथ संलग्न करके जमा करना होगा। एक बार यदि आप Ustad Yojana में चयनित हो जाते हैं, तो PIA आपके रहने व खाने के लिये 7,500 रूपये प्रतिमाह खर्च करेगी। इसके अलावा आपको 3000 रूपये प्रतिमाह की दर से वजीफा भी हासिल होगा।
प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद आपको एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। साथ ही आपके लिये प्लेसमेंट सुविधा भी Project Implementing Agencies देगी। जिससे आपको रोजगार भी हासिल होगा।
उस्ताद योजना का प्रशिक्षण देने वाली Project Implementing Agencies 2017-18 की लिस्ट देखें
Ustad Yojana का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो इस योजना के लिये पात्र हैं। अपात्रों के आवेदन तुरंत निरस्त कर दिये जाने की पुख्ता व्यवस्था की गई है।
1* Ustad Yojana में वही व्यक्ति आवेदन कर सकता है, जो भारत के अल्पसंख्यक समुदाय का हिस्सा है।
2* लेकिन गैर अल्पसंख्यकों के लिये 25 प्रतिशत कोटे की भी व्यवस्था की गई है।
3* गैर अल्पसंख्यक यदि 25 प्रतिशत कोटे से Ustad Yojana में आवेदन करने जा रहे हैं, तो ऐसे गैर अल्पसंख्यकों आवेदक के पास बीपीएल राशनकार्ड होना बहुत जरूरी है।
4* इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के विकलांग व्यक्तियों के लिये 3 प्रतिशत अतिरिक्त कोटे की भी व्यवस्था की गई है।
5* इस योजना में भागीदारी करने के लिये आपकी उम्र 14–45 वर्ष के बीच होना आवश्यक है। लेकिन यदि अल्पसंख्यक समुदाय का विकलांग व्यक्ति आवेदक है, तो अधिकतम आयु में छूट भी दी गई है।
6* Ustad Yojana के जरिये प्रशिक्षण लेने के इच्छुक व्यक्तियों का 5वीं कक्षा पास होना आवश्यक है। लेकिन विकलांग अल्पसंख्यकों को छूट प्रदान की गई है।
7* अल्पसंख्यक परिवारों के सभी सदस्य इस योजना में आवेदन करने के योग्य माने जाएंगें। लेकिन पूरा परिवार पात्रता मानदंड पूरा करने वाला होना चाहिए।
Ministry of Minority Affairs के द्धारा संचालित Ustad Yojana का उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट है। इस योजना का मकसद अल्पसंख्यकों को Skill Development Programme के तहत प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराना है।
1* इस योजना का उद्देश्य सिद्धहस्त कारीगरों की क्षमता को और अधिक बढ़ाना है।
2* इसके अलावा पारंपरिक कला और शिल्प में पारंगत व्यक्तियों के द्धारा नई पीढ़ी के नौजवानों को प्रशिक्षित करना है।
3* इस योजना के द्धारा चिन्हित की जा चुकीं पारंपरिक कलाओं तथा शिल्पों के नए मानकों को स्थापित करना है।
4* देश के अल्पसंख्यक समुदाय की ऐसी पारंपरिक कलायें व शिल्प आदि की समृद्ध विरासत को सरंक्षण प्रदान करना है।
5* इस योजना का एक और मकसद पारंपरिक कलाओं व शिल्प के अंतराष्ट्रीय बाजार के बीच तालमेल स्थापित करना है।
6* अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे व्यक्ति जो अभाव के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं, उन्हें रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
7* अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे लोग हाशिए पर पहुंच चुके हैं, उन्हें प्रशिक्षण व रोजगार देकर समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है।
8* भारत के अल्पसंख्यक समुदाय को इस काबिल बनाना, ताकि वह दुनिया भर के बढ़ते बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें।
9* Ustad Yojana देश के अल्पसंख्यक व प्रतिभावान मास्टर शिल्पकारों तथा दस्तकारों को मान्यता प्रदान करना है।
10* इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कलाओं तथा शिल्पकारी में नई डिजाइनों के विकास व अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
उस्ताद योजना के बहुत से लाभ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के द्धारा इस स्कीम में जोड़े गए हैं। नीचे दिये गए बिंदुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ें।
1* Project Implementing Agencies के द्धारा पारंपरिक कलाओं और शिल्प के क्षेत्र में विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
2* Ustad Yojana में प्रशिक्षण लेने के बाद व्यक्ति Small Business शुरू कर सकता है या फिर अच्छी नौकरी भी हासिल कर सकता है।
3* इस योजना में प्रशिक्षण अवधि के दौरान 3000 रूपये की स्कॉलरशिप हासिल होती है।
4* विदेशों में आयोजित ट्रेड फेयर में पारंपरिक कलाओं व शिल्प से संबंधित स्टॉल आदि लगाये जाते हैं।
5* इसके अलावा हुनर हाट तथा शिल्प उत्सव के जरिये अल्पसंख्यक कारीगरों को सहायता प्रदान की जाती है।
Ustad Yojana राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 1992 के अंतर्गत लांच की गई है। इसलिये इस योजना का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय के मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध व जैन धर्म के अल्पसंख्यकों को मिलना तय है।
इसके अलावा देश में भाईचारा बढ़ाने के मकसद से गैर अल्पसंख्यक जिनमें हिंदू शामिल हैं, उन्हें 25 प्रतिशत कोटे के जरिये आरक्षण प्रदान किया गया है।
Ustad Yojana को Ministry of Minority Affairs ने Project Implementing Agencies के माध्यम से पूरे भारत में लागू किया है। इसलिये देश भर के अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति इसका लाभ किसी भी राज्य में आसानी से उठा सकते हैं।
साथ ही अपने समुदाय की पारंपरिक कलाओं व शिल्पकारी में प्रशिक्षण हासिल कर के स्वरोजगार अथवा नौकरी भी हासिल कर सकते हैं। यह योजना बहुत अच्छी है। इसलिये इसका लाभ अल्पसंख्यक समुदाय के बहुत से लोगों ने उठाया है और आज वह समाज में सिर उठा कर जीवन यापन कर रहे हैं।
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Image Courtesy : साभार : ज़ी न्यूज, लाइव हिंदुस्तन and Pixabay free Images
This post was last modified on October 27, 2018
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