List of Halal Mutual Funds in India: आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्णं Topic पर बात करने वाले हैं। इसमें हम आपको बतायेंगें कि Shariah Mutual Fund क्या है और भारतीय शेयर बाजार में ऐसे कौन से फंड हैं जो Shariah Fund की कैटेगरी में आते हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस्लाम में ब्याज की कमाई को हराम की श्रेणीं में रखा जाता है। इस श्रेणीं में सिर्फ ब्याज की कमाई ही नहीं बल्कि बहुत से ऐसे कारोबार हैं जिनकी कमाई सीधे सीधे हराम करार दी गयी है। ऐसे व्यवसायों में ब्याज का लेनदेन, शराब का करोबार, पोर्क मीट आदि के कारोबार को रखा गया है। कुछ अन्य सेक्टर भी हैं जिन्हें हराम श्रेणीं में रखा जाता है। लेकिन ऊपर दिये गये 3 क्षेत्रों पर ही ज्यादा चर्चा की जाती है।
ऐसे हालात में एक आम मुसलमान निवेशक यह सोचने के लिये मजबूर हो जाता है कि वह अपना पैसा कहां पर इन्वेस्ट करें। मुस्लिम वर्ग के निवेशकों की इसी शंका का समाधान करने के लिये बहुत सी Mutual Fund कंपनियों ने Shariah Mutual Fund बाजार में उतारें हैं, जो मुसलमानों को हलाल कमाई का अवसर प्रदान करते हैं।
आज के इस टॉपिक में हम आपको Shariah Compliant Mutual Funds in India | Halal Investment in India | Halal Investment Ideas | Mutual Fund Investment Haram or Halal | Halal Investing आदि के विषय में Trustworthy जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, कृप्या पोस्ट को अंत तक पढ़ कर जरूरी जानकारी हासिल करें।
Shariah Mutual Fund Kya Hai? मुस्लिम समाज में ब्याज के पैसे को हराम माना जाता है। ऐसे में सुरक्षित भविष्य या फिर भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के मकसद से Bank FD, Postoffice Schemes, Insurance आदि में आम मुसलमानों के द्धारा निवेश करना मुश्किल होता है। प्रत्येक भारतीय मुसलमान यह निवेश करने से पहले 1 बार यह जरूर सोचता है कि वह जिस जगह अपना पैसा लगा रहा है, वह हराम है या फिर हलाल।
ब्याज का कारोबार, शराब, पोर्क (सुअर पालन / सुअर के मांस का कारोबार) नशे का कारोबार आदि सीधे हराम श्रेणीं के कारोबार है। यदि किसी मुस्लिम निवेशक को यह पता चले कि उसने जिस म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट कर रखा है, वह फंड किसी ऐसी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाता है, जो ब्याज का कारोबार, शराब का कारोबार, पोर्क मीट के कारोबार अथवा नशे का कारोबार करने वाली वाली कंपनियां हैं, ऐसी स्थिति में मुस्लिम निवेशक अपना निवेश बाहर निकाल लेते हैं या फिर इस प्रकार की कंपनियों में निवेश करते ही नहीं हैं।
चूंकि कारोबार करने तथा निवेश करने के समय मुस्लिम समुदाय के समक्ष धार्मिक मान्यतायें, शरिया कानून / अन्य धार्मिक नियम आड़े आ जाते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुसलमान अपना पैसा आखिर लगाये तो कहां लगाये?
इसी समस्या का समाधान करने के लिये देश की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने देश के करोड़ों मुसलमानों के लिये Shariah Mutual Fund बाजार में उतारे हैं। हालांकि इन फंडस की संख्या ज्यादा नहीं है। लेकिन जितने भी फंड शरिया म्यूचुअल फंड के रूप में बाजार में मौजूद हैं, उनके जरिये मुसलमान आंख मूंद कर निवेश कर रहे हैं।
Halal Investment in India : शरिया फंड पूरी तरह मुसलमानों के शरिया कानूनों पर आधारित फंड होते हैं। यह फंड केवल उन्हीं कंपनियों के शेयरों में अपना पैसा लगातो हैं जो शरिया के तहत कारोबार कर रही होती हैं। यह फंड बाजार में प्रचलित निवेश / बचत के अन्य साधनों से थोड़ा अलग होते हैं।
शरिया फंड बैंकिंग सेक्टर, सिगरेट बनाने वाली कंपनियां मसलन ITC, शराब बनाने वाली कंपनियां तथा प्रतिबंधित / हराम मांस के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में निवेशकों का पैसा नहीं लगाते हैं।
Shariah Mutual Fund को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के द्धारा सख्त शरिया नियमों का पालन करते हुये लांच किया जाता है। शरिया फंड पूरी तरह हराम व हलाल कानूनों का सख्ती से पालन करते हुये अपना कारोबार करते हैं। शरिया फंड मुसलमानों को इस बात का भरोसा देते हैं कि वह जिस फंड में अपना पैसा लगा रहे हैं वह कंपनी पूरी तरह हलाल कारोबार के क्षेत्र में काम करने वाली अन्य कंपनियों में अपना निवेश करती है।
Shariah Fund कभी भी ऐसी कंपनियों में निवेश नहीं करते हैं, जिनका व्यापार शरिया कानून के तहत नहीं होता है। शरिया बिजनेस करने वाली कंपनियों की खोज करना आसान काम नहीं है। ऐसी कंपनियां दुर्लभ होती हैं जो ब्याज के कारोबार से अछूती हों।
यही वजह है कि शरिया फंड केवल उन्हीं कंपनियों तक सीमित रहते हैं, जिनकी कुल कमाई का हिस्सा अधिकतम 3 फीसदी हो। साथ ही एक अन्य शर्त का भी पालन करते हुये उन कंपनियों में पैसा लगाते हैं, जिनका कुल कर्ज उनकी कुल संपत्ति के 25 फीसदी से कम होता है। यही कारण है कि भारतीय म्यूचुअल फंड कंपनियों के द्धारा लाये गये शरिया फंडस को हलाल श्रेणीं में रखा जाता है।
यदि किसी मुस्लिम व्यक्ति ने बैंक एफडी / पोस्ट ऑफिस स्कीम / बीमा या फिर ब्याज का काम करने वाली किसी फर्म / कंपनी आदि में पैसा लगाया गया है तो इस प्रकार के निवेश से ब्याज अथवा अन्य प्रकार की आय को शरिया कानून के तहत हराम कमाई की श्रेणीं में रखा जाता है।
लेकिन यहां एक पेंच है, चूंकि भारत शरिया कानून को मान्यता देने वाला देश नहीं है और यहां का कारोबारी सिस्टम भी शरिया कारोबारी नहीं है। ऐसे में इस्लामिक कानूनों के तहत भारतीय मुसलमानों को तमाम तरह की छूट भी मिलती है। ऐसे में यदि भारतीय मुसलमान के पास अपनी जरूरतें पूरी करने के लिये और कोई अच्छा साधन मौजूद नहीं है, तो वह इस्लामिक कानूनों के तहत मिलने वाली छूट का लाभ उठाते हुये उन जगहों पर भी निवेश कर सकता है। जिनका उपयोग अन्य व्यक्ति कर रहे हैं।
इस प्रकार की छूट किन हालातों में मुसलमानों को प्रदान की जाती है, इसके लिये आपको इस्लॉमिक स्कॉलर्स से इस बात की जानकारी प्राप्त करनी होगी। वही आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं। लेकिन इस प्रकार की छूट उन सभी देशों में एक समान रूप से प्रभावी होती है जहां इस्लॉमिक शासन / शरिया आधारित शासन प्रणाली नहीं है। भारत भी उन्हीं में से एक राष्ट्र है।
भारत में हलाल म्यूचुअल फंड इस प्रकार हैं
ऊपर दिये गये 3 फंड पूरी तरह शरिया कानून को फॉलो करने वाले म्यूचुअल फंड हैं। आप यदि ब्याज की इनकम को लेकर शंका में रहते हैं और आप हलाल कमाई पर ही अपना फोकस रखते हैं, तो आप इन फंडस में अपना पैसा आंख मूंद कर लगा सकते हैं।
यदि आप हिंदू हैं और आप सोच रहे हैं कि आप शरिया फंड में पैसा लगा सकते हैं या नहीं, तो हम आपको बताते हैं, कि Shariah Mutual Funds में कोई भी व्यक्ति पैसा इन्वेस्ट कर सकता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप हिंदू हैं/ सिक्ख हैं या फिर ईसाई। बस फंड की प्रकृति शरिया नियमों के मुताबिक तय रहती है।
यदि आपको लगता है कि हलाल / शरिया फंड सीमित प्रकार की कंपनियों में निवेश करते हैं तो उनका रिटर्न अच्छा नहीं होगा। तो यह सोच गलत है। हलाल कारोबार करने वाले शरिया फंडों ने पिछले 3 साल में औसतन 19.14% की दर से निवेशकों को रिटर्न दिया है। ऐसे में आप कह सकते हैं कि हलाल फंड अन्य फंड योजनाओं की तरह निवेशकों को अच्छा रिटर्न देते हैं।
भारत में शरिया म्यूचुअल फंड की शुरूआत एस एंड पी ने की थी।
भारत मे पहला शरिया फंड सन 2010 में लांच किया गया था।
Is Mutual Fund Halal? जो म्यूचुअल फंड शरिया नियमों को फॉलो करते हैं उन्हें हलाल श्रेणी में रखा जाता है। भारत में इस प्रकार के 3 फंड मौजूद हैं।
शरिया आधारित म्यूचुअल फंड तथा गैर शरिया देशों में मिलने वाली छूट के तहत किया जाने वाला Investmenet हलाल माना जाता है।
शरिया मुसलमानों के लिये नैतिक कोड है, जिसे दुनिया भर के मुसलमान नैतिकता के रूप में पालन करते हैं।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट Shariah Mutual Fund क्या है | म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हराम है या हलाल यदि आप Halal Investment in India से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
This post was last modified on April 9, 2024
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