Writers Grant India | Sahityakar Kalyan Yojana | Sahityakaro Ke Liye Aarthik Sahayta | Lekhaho Ke Liye Sarkari Sahayta | Hindi Lekhako Ke Liye Anudan | Grant for Authors | Writers Grant | Grant for Hindi Writers |
भारत के उत्तरप्रदेश राज्य में साहित्याकारों के कल्याण के लिये साहित्यकार कल्याण योजना चलाई जा रही है।
यदि आप लेखक हैं और किसी तरह के आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, तो आप Writers Grant India में बिना किसी झिझक के Apply कर सकते हैं।
साहित्यकार कल्याण योजना Writers Grant India के तहत साहित्यकारों को 50,000 रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
उत्तर प्रदेश में इस योजना का संचालन उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान के द्धारा किया जाता है। इस योजना में आवेदन करके आर्थिक संकट से जूझ रहे हिंदी लेखकों को आसानी से सरकारी मदत हासिल हो जाती है।
लेखकों के सरकारी सहायता प्रदान करने वाली यह योजना बहुत पुरानी है। इसके लिये सन 2011 में नियमावली बनाई गयी थी। जिसे सन 2015 में संशोधित करके एक नया रूप दिया जा चुका है।
Writers Grant India का मुख्य उद्देश्य विषम आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे साहित्याकारों को अनुदान प्रदान करना है।
ऐसे हिंदी लेखक जो लंबे समय से साहित्य रचना में लीन रहे और जिनके पास जीवन यापन के लिये पर्याप्त पैसा नहीं हैं, उन्हें आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदत करना है।
ऐसे साहित्यकार जिनके परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, उसे तत्काल प्रभाव से आर्थिक मदत पहुंचाना है।
Grant for Hindi Writers के तहत लेखकों को एकमुश्त सरकारी सहायता प्रदान करना है।
(1) ऐसे साहित्कार जिनकी 60 वर्ष की आयु पूरी हो गयी है, वह सीधे तौर पर इस योजना के पात्र मानें जाएंगें।
(2) विशेष परिस्थिति में ऐसे साहित्यकार भी साहित्यकार कल्याण योजना यानि Writers Grant India में आवेदन कर सकते हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम है। लेकिन उन्हें विशेष परिस्थिति का शपथ पत्र में उल्लेख करना होगा।
(3) लेकिन दिवंगत साहित्यकार के आश्रितों को आवेदन करने पर उनके ऊपर आयु संबंधी नियम लागू नहीं होंगे।
(4) साहित्यकार कल्याण योजना का लाभ उन्हीं लेखकों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंनें लगातार 5 सालों तक साहित्य की रचना की है।
(5) इस योजना में आवेदन वही साहित्कार कर सकते हैं, जिनकी समस्त स्रोतों से आय 5 लाख रूपये से अधिक नहीं है।
(6) यह Writers Grant पूरी तरह अनार्वतक है। इसलिये 1 ही बार प्राप्त होती है। लेकिन विषम परिस्थिति में दूसरी बार भी प्राप्त हो सकती है। जिसके लिये पूर्व में प्राप्त अनुदान का विवरण नये आवेदन पत्र में देना होता है।
(7) Uttar Pradesh Hindi Sansthan के द्धारा संचालित इस योजना का लाभ केवल Hindi Writers को ही प्रदान किया जाता है।
(8) Grant for Authors के तहत अधिकतम सहायता राशि 50,000 रूपये है। जिसे उ.प्र. हिंदी संस्थान अपने विवेक के द्धारा यह तय करेगा कि साहित्यकार को कितनी सहायता की जरूरत है।
(9) ऐसे लेखक जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, या फिर उनके परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, ऐसे लेखकों को प्राथमिकता के आधार पर Sahityakar Kalyan Yojana के तहत अनुदान प्रदान किया जाता है।
(10) इस योजना के तहत सहायता पाने के लिये Writers को ही पहल करते हुए आवेदन करना करना होगा। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान अपनी ओर से किसी प्रकार की कोई पहल नहीं करेगा।
(11) दिव्यांग / विकलांग साहित्यकार जिन्होंने इस योजना के तहत किसी प्रकार का आवेदन नहीं किया है। उनके लिये संस्थान 2 वरिष्ठ साहित्कारों की संस्तुति अथवा साहित्यक संस्था की संस्तुति पर अनुदान स्वीकृत किया जा सकता है।
(1) Writers Grant India में आवेदन करने वाला व्यक्ति का साहित्यकार यानि लेखक होना जरूरी है।
(2) हिंदी लेखक इस योजना के लिये पात्र माने जाएंगें।
(3) लेखक आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए।
(4) विषम परिस्थिति में 60 वर्ष से कम उम्र के लेखक भी पात्र मानें जा सकते हैं।
(5) लेखक का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
Writers Grant India Me Apply करने के लिये आपको ऑफलाइन प्रक्रिया को ही अपनाना होगा। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन भरने की कोई भी सुविधा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने अब तक नहीं दी है।
आपको Writers Grant India Sahityakar Kalyan Yojana Form डाक द्धारा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ से मंगाना होगा।
इसके लिये आप उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निदेशक को योजना से संबंधित फार्म भिजवाने के पत्र लिखें और पत्र के साथ पर्याप्त डाक टिकिट लगा हुआ तथा स्वयं का पता लिखा हुआ एक लिफाफा संलंग्न करें।
और इस पत्र को संलंग्न किये गए लिफाफे के साथ निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन, हिंदी भवन, 6, महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ, पिनकोड 226001 के पते पर भेज दें।
यह फार्म उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट uphindisansthan.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
इस लिंक पर क्लिक करके आप सीधे उ.प्र. हिंदी संस्थान की वेबसाइट पर जा सकते हैं
फार्म हासिल हो जाने के बाद उसे अच्छी तरह भर कर डाक द्धारा ही जमा करना होगा। जिसके बाद पात्र होने की स्थिति में आपको अधिकतम 50,000 तक की सहायता प्रदान कर दी जाएगी।
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This post was last modified on April 6, 2023
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