Anti Bhu Mafiya Portal | Shikayat Kaise Kaise Kare | एंटी भू माफिया पोर्टल | Anti Bhu Mafiya Portal UP | Anti Bhu Mafiya Portal Uttar Pradesh | भू माफिया की शिकायत कैसे करें |
उत्तर प्रदेश उत्तर भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यह देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य भी है। पूरे उत्तर प्रदेश में भू माफिया एक बड़ी और गंभीर किस्म की समस्या बन कर उभरे हैं। प्रदेश के भू माफिया साधारण लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं और फिर उन्हें Third Party को बेंच भी देते हैं।
भू माफियाओं का काम दूसरों की जमीनों को बल पूर्वक हथियाना और फिर उसे गलत तरीके से बेंच कर मुनाफा कमाना है। सभी भू माफिया दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग होते हैं। इसलिये साधारण व्यक्ति का इनसे लड़ पाना भी आसान नहीं होता है।
इसी बात को मददेनजर रखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के भू माफिया पर लगाम कसने के मकसद से एक Anti Bhu Mafiya Portal लांच किया है।
यह जनसुनवाई से जुड़ा हुआ पोर्टल है। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि उत्तर प्रदेश में Anti Bhu Mafiya Portal के बारे में बहुत अधिक लोगों को जानकारी नहीं है।
इसलिये आज मैं आपको विस्तार से एंटी भू माफिया पोर्टल के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूं। साथ ही आपको यह भी बताउंगा कि इस Portal Par Shikayat Kaise Karte हैं।
(1) Anti Bhu Mafiya Portal का मुख्य उद्देश्य भू माफिया के जंगल राज पर लगाम लगाना है।
(2) ऐसे भू माफिया जो जन सामान्य के अंदर भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं, उनको तत्काल प्रभाव से चिन्हित कर, उन पर कार्यवाही सुनिश्चित करना है।
(3) भू माफिया से पीडि़त लोग आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सके, ऐसी व्यवस्था पोर्टल के द्धारा प्रदान की जा रही है।
(4) 01 मई 2017 में जारी एक शासनादेश के मुताबिक विभिन्न धार्मिक संस्थाओं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, लावारिस संपत्तियों, चैरिटेबल ट्रस्टों, सामाजिक संस्थाओं तथा निर्बल वर्गों की कब्जा की गयी भूमि को भू माफिया के चंगुल से छुड़ा कर वापस लौटाना है।
(5) Anti Bhu Mafiya Portal पर शिकायत दर्ज होने के बाद 2 माह के अंदर भू माफिया के खिलाफ दर्ज की गयी शिकायत के निस्तारण में आ रही बाधाओं को दूर करना है।
(6) लावारिस तथा निजी भूमि पर होने वाली अधिकतर शिकायतें थाना स्तर पर दर्ज होती हैं, इस लिये इन शिकायतों का निस्तारण पुलिस के स्तर पर ही कराया जाना सुनिश्चित किया गया है।
(7) एंटी भू माफिया पोर्टल पर एक जिले से अधिक शिकायतें दर्ज होने पर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्धारा दबंग भू माफियाओं, प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची बनाई जाएगी। जिस पर पुलिस अपने स्तर पर कार्यवाही करेगी।
(8) तहसील स्तर पर लिखित रूप से दर्ज करायी गयी शिकायतों को भी सीधे एंटी भू माफिया पोर्टल पर संबंधित विभागों के द्धारा दर्ज कराया जाएगा।
(9) अवैध कब्जे व अतिक्रमण आदि को समयबद्ध तरीके से मुक्त कराया जाएगा।
(10) यदि न्यायालय के द्धारा अवैध कब्जे पर भू माफिया ने स्थगन आदेश ले रखा है, तो पुलिस व संबंधित विभागों के द्धारा न्यायालय में उसके खिलाफ ठीक ढंग से पैरवी की जाएगी।
माफिया तथा माफिया गॉडमदर बेहद आपराधिक प्रवृत्ति के लोग होते हैं। इन्हें आप अपराध की दुनिया के शातिर खिलाड़ी भी कह सकते हैं।
माफिया अपने अपने आपराधिक कार्यों में मास्टर व्यक्ति होते हैं, जो अपने अपराधों को संगठित तरीके से अंजाम देते हैं। यह कानून के भी अच्छे जानकार होते हैं और पुलिस तथा अन्य विभागों में अपनी पैठ रखते हैं।
जिसकी वजह से इन्हें अपराधों की सजा देना मुश्किल माना जाता है। लेकिन यह अपराध करते हैं और सुबूतों की बिना पर जेल भी भेजे जाते हैं, अदालत के द्धारा सजा सुनाए जाने पर इन्हें अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा जेल के भीतर ही गुजारना पड़ता है।
यदि कोई माफिया महिला होती है, तो गॉडमदर माफिया शब्द उसके प्रति सम्मान दर्शानें के लिये प्रयोग किया जाता है। इसका अर्थ माफिया पुत्र की मां तो कतई नहीं होता है।
माफिया कई प्रकार के होते हैं। Bhu Mafiya, शिक्षा माफिया, खनन माफिया आदि। देश के आम नागरिकों को इससे निपटने के लिये पुलिस तथा कानून की मदत लेनी चाहिए।
सरकार ने माफिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिये विभिन्न राज्यों में पोर्टल की भी शुरूआत की है। जहां कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही शिकायत करा सकता है।
(1) जिला स्तर पर किये गये भू माफियाओं के चिन्हींकरण तथा उन के ऊपर की गयी कार्यवाही की प्रत्येक 2 माह में समीक्षा करना।
(2) विभिन्न जिलों में ऐसे भू माफियाओं के द्धारा किये ऐसे कब्जे, जिन्हें हटाया नहीं जा सका है। उनके लिये बिंदुवार दिशा निर्देश जारी करना।
(3) राज्य के संवेदनशील तथा जटिल प्रकरणों को अपने स्तर पर निपटाने की दिशा में काम करना।
(4) न्यायालय में लंबित प्रकरणों की समय समय पर समीक्षा करना।
(1) सरकारी भूमि पर किये गये कब्जे के संबंध में दीवानी, हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त आदेश को निस्तारण में इस्तेमाल करना तथा कब्जा खाली कराया जाना सुनिश्चित करना है।
(2) यदि जिला स्तरीय टास्क फोर्स को यह लगे कि भू माफिया ने किसी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया है। तो ऐसे भू माफिया पर भारतीय दंड संहिता, सुसंगत अधिनियमों के तहत आपराधिक धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना।
(3) इसके अतिरिक्त भू माफियाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 यथा संशोधित के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करना है।
(4) तहसील स्तर पर गठित समिति अवैध कब्जों तथा भू माफियाओं का चिन्हींकरण करेगी और उनकी सूची बना कर जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सुर्पुद करेगी।
एंटी भू माफिया पोर्टल पर शिकायत करना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको जनसुनवाई के एंटी भू माफिया पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी।
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This post was last modified on April 6, 2023
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