राजस्थान में भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से Bhamashah Pashu Bima Yojana चलाई जा रही है। इस योजना के तहत राज्य में भेड़, बकरी, गाय, भैंस, ऊंट, घोड़ा, गधा, खच्चर आदि जानवरों का बीमा किया जा रहा है।
Rajasthan Pashu Bima Yojana से सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े पशुपालकों को उनके पशुओं की मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है।
राजस्थान सरकार राज्य के सभी जिलों में अनुदानित बीमा प्रीमियम राशि पर पशुओं का बीमा करा रही है। इस योजना को राजस्थान में Avika Kavach Bima Yojana के नाम से जाना जाता है।
इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार राज्य के पशुओं की बीमा राशि का भर कर, पशु पालकों को जानवरों की मृत्यु की दशा में जोखिम का भार अपने ऊपर ले रही है और भेड़ बकरी पालकों को बड़े आर्थिक नुकसान से बचा रही है।
यदि आप अपने पालतु पशुओं का बीमा कराना चाहते हैं, तो आपके पास नीचे दिये गये सभी Important दस्तावेज होना जरूरी हैं।
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस राजस्थान के जयपुर, अजमेर तथा उदयपुर संभाग में दुधारू पशुओं की श्रेणी में गाय तथा भैंस, बोझा ढोने वाले पशुओं की श्रेणीं में गधा, खच्चर, ऊंट, सांड़, घोड़ा तथा पाड़ा आदि शामिल हैं। वहीं अन्य भेड़ तथा बकरी को अन्य पशुओं की श्रेणीं में डाला गया है।
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने राजस्थान के जोधपुर, कोटा, भरतपुर तथा बीकानेर संभाग में दुधारू, भार ढोने वाले तथा अन्य पशुओं की श्रेणीं में उन्हीं पशुओं को शामिल किया है, जो ऊपर बताई गई हैं।
इन दोनों की कंपनियों की बीमा प्रीमियम दरें जानने के लिये आप राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, जयपुर की आधिकारिक वेबसाइट पर जायें।
अविका कवच बीमा योजना के तहत बीमित पशुओं की मृत्यु हो जाने के बाद Insurance Claim किया जाता है। इसके लिये कुछ नियम निर्धारित किये गये हैं। कृप्या इन्हें ध्यान से पढ़ें।
गाय, भैंस, भेड़, बकरी या फिर कोई अन्य जानवर की मृत्यु होने के बाद बीमा कंपनी को ईमेल अथवा लिखित रूप से 6 घंटे के अंदर जानकारी दी जाएगी।
जिसके बाद बीमा कंपनी मृत पशु के पोस्टमार्टम हेतु जांचकर्ता को नियुक्त करेगी। जिसकी देख रेख में पशु चिकित्सक के द्धारा मृत पशु का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
यादि बीमा कंपनी ने 6 घंटे के भीतर अपना अन्वेषक नियुक्त नहीं किया है तो फिर मृत पशु का पोस्टमार्टम नजदीकी पशु चिकित्सक के द्धारा किया जाएगा।
साथ ही मृत पशु के साथ पशु पालक का एक फोटोग्राफ लिया जाना आवश्यक है। इस प्रकार के फोटोग्राफ में मृत पशु के कान में लगा टैग स्पष्ट रूप से फोटो में दिखना अनिवार्य है।
यह प्रकिया पूरी हो जाने के बाद मृत पशु की बीमित राशि पाने के लिये बीमा कंपनी में दावा किया जाएगा। जिसके लिये पशु पालक बीमा क्लेम फार्म भर कर बीमा कंपनी को देगा।
साथ ही मूल बीमा पॉलिसी को बीमा कंपनी में जमा किया जाता है। यदि बीमा पॉलिसी नहीं है, तो बीमा प्रमाणपत्र लगाना पड़ता है।
Insurance Claim करने के कुछ दिन बाद यदि दावा सही पाया जाता है, तो Avika Pashu Bima Yojana के तहत धनराशि बीमा कंपनी के द्धारा पशु पालक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
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This post was last modified on March 27, 2019
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