Jio Parsi Yojana Kya Hai | What is Jiyo Parsi Scheme | Parsi Papulation in India | Parsi People | Parsi Panchayat | Parsi Girl | Parsi Papulation in Mumbai | जियो पारसी योजना |
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी धर्मों को समान रूप से महत्व दिया जाता है।
भारत में अनेक धर्म हैं और उनके मानने वालों की संख्या लाखों में ही नहीं बल्कि करोड़ों में है। इनमें कुछ धर्मों की उत्पत्ति भारत में हुई, तो कुछ धर्म ऐसे हैं, जो विदेशों से आये हैं।
इन्हीं में से एक पारसी धर्म भी है। आपकी जानकारी के लिये यह बता देना जरूरी है, भारत में पारसियों की संख्या बहुत ही कम है। बल्कि यह लगातार घटती जा रही है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार पिछले कई सालों से Jio Parsi Yojana चला रही है। इस योजना का एक मात्र उद्देश्य Parsi समुदाय की घटती जनसंख्या को बढ़ाना है।
पारसी मूल रूप से एक ईरानी धर्म है। पारसी Ahura Mazda को अपना भगवान मानते हैं। इस धर्म की उत्पत्ति 7वीं सदी ईसा पूर्व हुई थी।
यह धर्म ईरान में खूब फला फूला। लेकिन ईरान में मुस्लिमों का प्रभाव बढ़ने के बाद से पारसियों अपना निवास स्थान भारत को बना लिया।
भारत को जब आजादी मिली तो उसके बाद पारसी समुदाय ने भारत में शरण ले ली। इसके लिये समुदाय ने भारत सरकार के साथ एक समझौता भी किया था।
जिसकी वजह से पारसियों के सामाजिक नियम उस समझौते के इर्द गिर्द रचे गये हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पलायन के बाद भारत आकर बसने वाले पारसियों के की संख्या 1941 में 1,14,000 थी।
लेकिन 2015 आते आते पारसी समुदाय की लोगों की कुल संख्या 69,000 रह गयी है। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहल की और पारसियों की जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिये Jio Parsi Yojana लांच की है।
जियो पारसी योजना का संचालन Parzor Foundation तथा Parsi Panchayat के द्धारा किया जाता है। इस योजना से संबंधित सभी विवरण परजोर फाउंडेशन में उपलब्ध हैं।
Parzor Foundation के द्धारा Jio Parsi Yojana की पूरी निगरानी की जाएगी और फाउंडेशन मासिक, तिमाही, छमाही तथा वार्षिक आधार पर समुदाय की रिपोर्ट तैयार करेगा और समय समय पर इसे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के पास भेजेगा।
जहां जियो पारसी योजना से संबंधित प्रगति का विश्लेषण किया जाएगा। Parzor Foundation का काम होगा कि वह अपने समुदाय के लोगों में जागरूकता पैदा करे।
साथ ही समुदाय के लोगों का समय समय पर चिकित्सीय परीक्षण कराना, सामाजिक मीडिया से जोड़ना तथा फिल्में आदि उपलब्ध कराना है।
साथ ही इलेक्ट्रिानिक मीडिया में तथा वेबसाइटों पर विज्ञापन देना व वैवाहिक सम्मेलनों को भी आयोजित करना होगा।
जियो पारसी योजना के तहत क्रेच / शिशु देखभाल के लिये वरिष्ठ नागरिकों को सहयता प्रदान की जाएगी।
क्रेच के लिये 8 साल की आयु तक प्रति बच्चा अधिकतम 4000 रूपये प्रदान किया जाएगा। बच्चे की देखभाल के लिये वरिष्ठ पारसी नागरिकों को 10 वर्ष का बच्चा होने तक 3000 रूपये मानदेय दिया जाएगा।
इसके अलावा ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 70 साल के पार हो चुकी है, ऐसे बुजुर्गों के लिये प्रति माह 4000 रूपये की धनराशि दी जाएगी।
पारसी समुदाय के ऐसे लोग जो अपना इलाज कराना चाहते हैं और बच्चा पैदा करना चाहते हैं, उनको IVF तथा ICSI के लिये 8 लाख रूपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
जियो पारसी योजना के तहत उपचार पूर्व परीक्षण के लिये मरीज को अधिकतम 75 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
इसके अलावा उपचार व चिकित्सा संबंधी खर्च के लिये 100000 रूपये की धनराशि निर्धारित की गयी है।
30 साल तक के पारसी युवक युवतियों में जनन क्षमता को प्रभावित करने वाला रोग पाये जाने की स्थिति में इलाज हेतु 15 हजार से 25 हजार रूपये तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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