उत्तर प्रदेश सरकार के द्धारा राज्य के बेरोजगार युवक युवतियों के लिये Mobile Fish Parlour Yojana चलाई जा रही है। यह योजना 2014 में लांच हुई थी। तब से इस योजना का लाभ अनेक बेरोजगार उठा चुके हैं।
Mobile Fish Parlour Yojana लोन आधारित योजना है, जिस पर सरकार अनुदान भी देती है। इस योजना के तहत मोबाइल फिश पार्लर संचालक को 70 प्रतिशत धनराशि Bank Loan के रूप में मिलती है तथा 30 प्रतिशत Sarkari Anudan मिलता है।
Mobile Fish Parlour Yojana का मुख्य उद्देश्य राज्य के लोगों को ताजी मछलियां और उनसे बने व्यंजनों को उपलब्ध कराना है। मछली एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में खनिज, लवण, विटामिन ए तथा अमीनोएसिड पाये जाते हैं।
जो हमारे स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद होते हैं। मछलियों में ओमेगा 3 एसिड भी पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिये बहुत जरूरी होता है।
मछली से बने व्यंजन मांसाहार की श्रेणीं में आते हैं। उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी मांसाहार प्रेमी है। साथ ही मछली से बने व्यंजनों की मांग में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने प्रदेश के बेरोजगारों के लिये Mobile Fish Parlour Yojana शुरू की है। इन फिश पार्लरों के जरिए प्रदेश के लोगों को साफ सुथरे तरीके से बने मछली व्यंजन उपलब्ध हो रहे हैं। साथ ही लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
Matsya Palan Yojana Uttar Pradesh 2023 के तहत Mobile Fish Parlour Yojana का संचालन प्रदेश के मत्स्य पालन विभाग के द्धारा प्रदेश के चयनित जिलों में ही किया जाएगा। यही कारण है कि यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू नहीं है।
Mobile Fish Parlour Yojana के लाभार्थी को 30 प्रतिशत सरकारी अनुदान मिलता है। जबकि 70 प्रतिशत राशि लोन के रूप में प्राप्त होती है। मोबाइल फिश पार्लर की अनावर्तक लागत के रूप में 5.143 लाख रूपये तथा आवर्ती लागत जोकि प्रथम 10 दिन के लिये होती है, 0.357 लाख रूपये प्राप्त होती है।
जिसका कुल योग 5.50 लाख रूपये है। मोबाइल पार्लर की स्थापना के व्यय के रूप में Bank Loan 3.85 लाख रूपये तथा Sarkari Anudan (Grant) 1.65 लाख रूपये है।
इस योजना के तहत प्रथम 10 दिनों की आवर्ती लागत के तहत मोबाइल फिश पार्लर में मछलियों से निर्मित व्यंजनों को तैयार करना होगा। जिसके बाद इन व्यंजनों से होने वाली बिक्री से आगामी 10 दिनों की आवर्ती लागत मोबाइल फिश पार्लर संचालक खुद निकालेगा।
मोबाइल फिश पार्लर ईकाई में निम्नलिखित घटकों के अनुमानित मूल्य नीचे दिये जा रहे हैं। यदि इस मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी होती है, तो वह लाभार्थी के द्धारा ही वहन किये जाएंगें।
जब आप मोबाइल फिश पार्लर ईकाई विधिवत रूप से चालू कर लेते हैं, तो उससे रोजाना आय भी प्राप्त होना शुरू हो जाती है। आप अपनी ईकाई से कितना पैसा कमा सकते हैं, इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
Mobile Fish Parlour Yojana Me Online Avedan करना संभव नहीं है। क्योंकि मत्स्य पालन विभाग ने Machli Palan Yojana Me Online Apply करने की कोई सुविधा नहीं दी है।
Mobile Fish Parlour Yojana में आवेदन तभी किया जा सकता है, जब विभाग की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर शिक्षित बेरोजगारों से आवेदन मांगें हों।
जब मोबाइल फिश पार्लर योजना के लिये आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं, तो मत्स्य पालन विभाग में जाकर संबंधित योजना का फार्म लेकर ठीक ढंग से भरें और उसे Offline ही विभाग में जमा किया जाएगा।
जिला स्तर पर इस योजना का क्रियान्वयन निदेशक मत्स्य / मुख्य कार्यकारी अधिकारी के द्धारा किया जाता है।
जब विभाग द्धारा योग्य शिक्षित बेरोजगार लाभार्थियों का चयन कर लिया जाता है, तब चयनित लाभार्थी का लोन प्रार्थना पत्र सर्विस एरिया की शाखा में प्रस्तुत किया जाता है। जो बैंक के सामान्य ऋण आवेदन पत्र के रूप में होता है।
बैंक द्धारा ऋण स्वीकृत करते ही Mobile Fish Parlour Yojana के तहत मोबाइल फिश पार्लर चलाने की अनुमति मिल जाती है।
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This post was last modified on February 24, 2023
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