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कोरोना वायरस से कैसे बचें | Corona Virus 2022 के साथ कैसे जियें

कोरोना वायरस से कैसे बचें हिंदी में पूरी जानकारी – इन दिनों कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया को अपनी जद में ले रखा है। यह वायरस चीन के वुहान से पूरी दुनिया में फैला है।

भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्‍या अब 80,000 हजार के पार जा चुकी है। हम भारतीयों के लिये अच्‍छी बात यह है कि हमारे देश में रिकवरी रेट अन्‍य देशों के मुकाबले सबसे ज्‍यादा है।

भारत के संक्रमितों का रिकवरी रेट देख कर पूरी दुनिया हैरान और परेशान है, कि आखिर कोरोना वायरस ने भारत में उस तरह की तबाही क्‍यों नहीं मचाई जैसी तबाही ईरान, चीन, इटली, स्‍पेन तथा अमेरिका में मचाई है।

कोरोना वायरस का भारत में अन्‍य देशों की अपेक्षा म्‍यूटेशन भी देखने को मिला है। Corona Virus की जेनेटिक संरचना मे अनेक परिवर्तन देखने को मिले हैं। वर्ष 2021 में डेल्‍टा ने भारत में भारी तबाही मचाई थी और अब 2022 में XE वैरियंट को खतरनाक म्‍यूटेशन माना जा रहा है।

वैज्ञानिकों के अनुसार यदि भारत मे वायरस के म्‍यूटेशन की प्रक्रिया इसी प्रकार चलती रही तो जब इस बीमारी की वैक्‍सीन खोजी जाएगी। तब तक कोरोना वायरस पहले से कहीं अधिक ताकतवर हो चुका होगा। ऐसे में नई खोजी गयी वैक्‍सीन निष्‍प्रभावी भी हो सकती है।

इसलिये आज हम आपको कोरोना वायरस के साथ कैसे जियें तथा कोरोना वायरस को कैसे मारें की पूरी जानकारी कोरोना वायरस निबंध के रूप में देने जा रहे हैं। कृप्‍या पूरी पोस्‍ट को ध्‍यान से पढें।

कोरोना वायरस क्‍या है : Definition of Corona Virus in Hindi 2022

Corona Virus Kya Hai in Hindi : कोरोना वायरस की परिभाषा – कोरोना वायरस एक विषाणु जनित (Virus) बीमारी है, जो इंसानों के श्‍वसन तंत्र, फेफड़ों तथा गले पर प्रहार करती है।

इस बीमारी की चपेट में आने के बाद इंसान कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कमजोर होने की वजह से गला चोक हो जाता है तथा फेफड़ों के संक्रमित होने की वजह से इंसानों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, जिसके बाद उनकी मृत्‍यू हो जाती है।

कोरोना वायरस के लक्षण क्‍या हैं? Symptoms of Corona Virus

Symptoms of Corona

Symptoms of Corona Virus in Hindi – कोरोना वायरस के संक्रमण की पहचान करना आसान  नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसका संक्रमण बिल्‍कुल आम खांसी जुकाम जैसा दिखाई पड़ता है। इसलिये कोरोना संक्रमण  को समझने के लिये जरूरी है कि हम सबसे पहले आम सर्दी खांसी जुकाम वाली बीमारियों के लक्षणों को समझें।

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वायु प्रदूषण व अन्‍य कारणों से होने वाली एलर्जी के लक्षण

  • 1 – सूखी खांसी
  • 2 – छींक आना

सामान्‍य फ्लू के लक्षण इस प्रकार होते हैं

  • 1 – खांसी
  • 2 – बलगम
  • 3 – छीक आना
  • 4 – बहती नाक
  • 5 – शरीर में दर्द
  • 6 – कमजोरी
  • 7 – हल्‍का बुखार

कोरोना वायरस के सभी लक्षण इस प्रकार हैं

  • 1 – सूखी खांसी
  • 2 – छींक
  • 3 – बदन दर्द
  • 4 – कमजोरी
  • 5 – तेज बुखार
  • 6 – सांस लेने में दिक्‍कत

Corona Virus Medicine क्‍या है?

WHO (World Health Organization) के अनुसार इस समय Corona Virus की दवा दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। हालांकि भारत में Corona संक्रमित मरीजों तथा डॉक्‍टरों को Hydroxychloroquine तथा HIV की दवाओं से इलाज किया जा रहा है। जिसके नतीजे संतोषजनक हैं। लेकिन यह दवायें मलेरिया तथा एडस से संबंधित हैं न कि Corona Virus की बीमारी की।

इसके अलावा इबोला वायरस महामारी से बचाव के लिये Remidesivir दवा खोजी गयी थी। इस दवा का Corona संक्रमित मरीजों पर अच्‍छा प्रभाव देखने को मिला है। अमेरिका में मरीजों को जब Remidesivir दवा की खुराक दी गयी तो उनकी हालत में 30% अधिक सुधार देखने को मिला है।

इसी बात को देखते हुये WHO ने दुनिया की 5 बड़ी कंपनियों को रेमिडेसिविर दवा के उत्‍पादन का लाइसेंस देने का फैसला किया है। इन 5 दवा कंपनियों में से 3 कंपनियां भारत की हैं।

Corona संक्रमितों पर प्‍लाज्‍मा थैरेपी (Corona Plasma Therapy) पर क्‍या प्रभाव पड़ता है?

कोरोना की दवा न होने के कारण पूरी दुनिया में इस बीमारी से लड़ने के लिये अनेक प्रयोग किये जा रहे हैं। इन्‍हीं में से एक Corona Plasma Therapy है।

भारत में कोरोना संक्रमितों पर प्‍लाज्‍मा थैरेपी का सर्वप्रथम प्रयोग नईदिल्‍ली में किया गया था। जिसके परिणाम उत्‍साहवर्धक रहे हैं।

अब आप कहेंगें कि Corona Plasma Treatment Kya Hai – तो चलिये हम आपको बतातें हैं। जब कोई व्‍यक्ति कोरोना वायरस की चपेट में आता है, तो 8-10 दिन में उसके शरीर में इस वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं। जो लोग इन एंटीबॉडी की सहायता से कोरोना वायरस को मात दे देते हैं व स्‍वस्‍थ होकर अपने घरों में लौट जाते हैं।

ऐसे लोगों के खून से प्‍लाज्‍मा निकाल कर कोरोना से पीडि़त गंभीर किस्‍म के रोगी को चढ़ा दिया जाता है। जिससे मरीज को दूसरे व्‍यक्ति के शरीर में मौजूद एंडीबॉडी उसे मिल जाती हैं। जिसकी वजह से प्‍लाज्‍मा चढ़ाये गये मरीज के स्‍वस्‍थ होने के चांस गई गुना बढ़ जाते हैं।

क्‍या हमें Corona Virus के साथ जीना सीख लेना चाहिये?

Life with Corona

कोरोना वायरस के साथ कैसे जियें? यह एक बहुत बड़ा और महत्‍वपूर्णं प्रश्‍न है। आप यह तो जानते हैं कि Covid-19 वायरस इंसानों पर हमला कर चुका है। दुनिया भर के वैज्ञानिकों तथा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार यह वायरस अब इस दुनिया से कभी जाने वाला नहीं है।

वैज्ञानिकों का मत है कि वैक्‍सीन खोजे जाने के बाद भी यह वायरस इंसानों के साथ ही रहने वाला है। यह और बात है कि टीका करण हो जाने के बाद यह थोड़ा कमजोर पड़ सकता है।

इसलिये कहा जा रहा है कि हमें इस वायरस के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिये। यदि हम अपने जीवन में इस वायरस को स्‍वीकार कर लेंगें। तो यह हम इंसानों को उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। जितना हाल के दिनों में कहर बरपाया है।

क्‍या साबुन से हाथ धोनें से Corona Virus वायरस मर जाता है?

जब से Corona Virus का हमला हुआ है तब लगातार प्रचार माध्‍यमों के जरिये सभी समझाया जा रहा है कि वह बार बार साबुन से हाथ धोयें। ऐसे सभी लोग जो किसी न किसी कारण से घर से बाहर निकल रहे हैं। उन्‍हें घर में वापस लौटते ही अपने हाथ साबुन से अच्‍छी तरह धो लेने चाहिये।

हाथा धोने की यह प्रक्रिया कम से कम 20 सेंकेंड की जरूर होनी चाहिये। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि क्‍या साबुन के प्रयोग से वायरस मर जाता है?

तो चलिये हम आपको बताते हैं कि साबुन से हाथ धोने पर आखिर होता क्‍या है? दोस्‍तों आप जिस साबुन से हाथ धोते हैं। वह अनेक प्रकार के केमिकल से बना होता है। सिर्फ कोरोना ही नहीं कोई भी वायरस हो जब वह साबुन के संपर्क में आता है, तो वह केमिकल के प्रभाव से मर जाता है और जो नहीं मरता वह झाग के साथ लिपट कर बह जाता है।

यही कारण है कि हमें बार बार हाथ धोने को बोला जा रहा है। यदि हम हाथ धोते रहेंगें तो वायरस के संक्रमण का खतरा भी कम रहेगा।

सेनेटाइजर से Corona Virus कैसे मारें?

यदि आप अपने शरीर पर मौजूद कोरोना वायरस को मारना चाहते हैं, तो इसके लिये आपको अल्‍कोहल युक्‍त सेनेटाइजर का प्रयोग करना होगा। जब आप थोड़ा सा सेनेटाइजर लेकर अपने हाथों पर लगाते हैं। तो Corona Virus बाहरी झिल्‍ली फट जाती है। जिसकी वजह से वायरस मर जाता है।

इस तरीके से आप शरीर के बाहरी हिस्‍से पर मौजूद  Corona Virus को बहुत ही आसानी से मार सकते हैं। यदि आप वायरस के साथ जीना चाहते हैं तो अब आपको अपने घर में सेनेटाइजर की बोतल अनिवार्य रूप से अपने पास रखनी होगी।

क्‍या मास्‍क को एक बार पहनने के बाद दोबारा पहना जा सकता है?

बाजार में कई प्रकार के मास्‍क मौजूद हैं। कुछ मास्‍क बहुत ही सस्‍ते होते हैं। सस्‍ते मास्‍क को अधिक से अधिक 12 घंटे तक ही पहना जा सकता है। इसके अलावा अच्‍छी क्‍वॉलिटी के कपड़े से बने मास्‍क को धोकर तथा डेटॉल, सेवलॉन आदि से सेनेटाइज करके एक से अधिक बार भी पहना जा सकता है।

वायरस के संक्रमण से बचने के लिये जितना जल्‍दी हो सके पुराने मास्‍क को ढक्‍कन वाले कूड़ेदान में डाल कर नया मास्‍क पहनें। साथ ही मास्‍क को प्रत्‍येक 12 घंटे में सेनेटाइज करते रहें।

क्‍या थर्मल स्‍कैनर से Corona संक्रमित की पहचान हो जाती है?

जी नहीं, थर्मल स्‍कैनर के जरिये Corona Virus संक्रमितों की ऐसी पहचान संभव है, जिनके लक्षण अभी तक उभरे नहीं हैं। असल में थर्मल स्‍कैनर उन व्‍यक्तियों पहचान कर सकता है, जिनके शरीर का तापमान सामान्‍य से अधिक है।

कोरोना संक्रमण की पहचान तो कोरोना टेस्‍ट किट के जरिये ही हो सकती है। लेकिन थर्मल स्‍कैनर उन संदिग्‍ध मरीजों Find करने में मदत करता है, जो बीमार होने के बावजूद एक दम स्‍वस्‍थ दिखाई पड़ते हैं। हम सभी को कोरोना के सा‍थ रहना है, तो इस प्रकार के संक्रमितों से दूर रहना सीखना होगा।

कोरोना संक्रमितों से दूर कैसे रहें?

कोरोना संक्रमितों से दूर रहने का सबसे अच्‍छा तरीका सोशल डिस्‍टेंसिंग बताया गया है। हमें हर व्‍यक्ति को कोरोना संक्रमित मान कर कम से कम 2 मीटर दूर रहना होगा।

यदि कोरोना संक्रमित व्‍यक्ति आपसे 2 मीटर दूर है और आप चेहरे पर मास्‍क तथा हाथों पर ग्‍लब्‍स पहने हुये हैं, तो कोरोना संक्रमण का खतरा कम से कम होगा।

क्‍या कोरोना वायरस के चलते बुजुर्ग घर से बाहर निकल सकते हैं?

जी नहीं, यदि आप 60 साल के बुजुर्ग हैं, तो घर से बाहर न निकलें। क्‍योंकि बुजुर्गों तथा बच्‍चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। ऐसे में बच्‍चे तथा बूढ़े दोनों इस वायरस का आसान शिकार होते हैं। इसलिये इन्‍हें घर से बाहर नहीं निकलने से बचना होगा।

क्‍या वैज्ञानिक कोरोना वायरस के ताकतवर स्‍पाइक को कमजोर कर पायेंगें?

पूरी दुनिया के वैज्ञानिक Corona Virus को मात देने के लिये दिन रात वैक्‍सीन बनाने मे जुटे हैं। साथ ही उनकी नजर कोरोना के जीनोम सीक्‍वेंस पर है। जिसमें वह इस वायरस के S प्रोटीन की निगरानी कर रहे हैं।

इसी S प्रोटीन के बदौलत Corona Virus के स्‍पाइक बहुत ताकतवर बने हुये हैं। इन्‍हीं शक्तिशाली स्‍पाइक्‍स के कारण यह वायरस इंसानों के शरीर से मजबूती के साथ चिपक जाता है। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुये वैज्ञानिक लगातार इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि वह किसी तरह वायरस के ताकतवर स्‍पाइक्‍स को कमजोर कर दें।

Corona Virus की कुछ विशेषतायें

  • वैज्ञानिकों को अब तक यह पता चल चुका है कि कोरोना वायरस में 27 प्रकार के प्रोटीन पाये गये हैं।
  • विश्‍व के 62 देशों में Corona सीक्‍वेंस पर शोध किया गया है।
  • 5349 जीनोम सीक्‍वेंस Corona Virus में पता चल चुके हैं।
  • जिनमें से 509 जीनोम सीक्‍वेंस का पता अकेले भारत में लगाया गया है।
  • अपने 509 जीनोम सीक्‍वेंस की डीटेल भारत ने पूरी दुनिया को दे दी है।
  • भारत में 450 से अधिक वैज्ञानिक जीनोम सीक्‍वेंस पर काम कर रहे हैं।

कोरोना वायरस के बुखार तथा आम बुखार में क्‍या अंतर है?

जब हमें सर्दी, खांसी, जुकाम आदि होता है, तो बुखार भी आ जाता है। लेकिन इस प्रकार के बुखार आने का यह मतलब नहीं है, कि आपको Corona संक्रमण हुआ है।

कोरोना संक्रमण का बुखार और आम बुखार में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कोरोना संक्रमित को 10 दिनों के दौरान बहुत तेज बुखार आता है। यह बुखार 104 डिग्री तक होता है। यदि 10 दिन में आपको इतना तेज बुखार आया है, तो आपको यह संक्रमण हो सकता है।

क्‍या जूते और चप्‍पल Corona Virus के वाहक हैं?

हां, यह सच है। चीन में हुये एक शोध में इस बात का खुलासा हो चुका है कि जो डॉक्‍टर जूते चप्‍पल पहन कर सेनेटाइज हो चुके हिस्‍से में आ जा रहे थे। वहां कोरोना वायरस की मौजूदगी पायी गयी थी।

ऐसे में लोगों को सलाह दी गयी जब भी वह अपने घर के अंदर प्रवेश करें, तो वह अपने जूते चप्‍पल अच्‍छी तरह धोकर सेनेटाइज अवश्‍य कर लें। क्‍योंकि जूतों और चप्‍पलों को कोरोना वायरस प्रसार का सबसे अच्‍छा वाहक माना जा रहा है।

तो दोस्‍तों यह थी हमारी आज की पोस्‍ट कोरोना वायरस से कैसे बचेंCorona Virus के साथ कैसे जियें यदि आप How to Kill Corona Virus in Hindi से संबंधित कोई अन्‍य प्रश्‍न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्‍स के जरिये पूछ सकते हैं।

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This post was last modified on April 29, 2022

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