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भारत में कृषि आज के आधुनिक काल में भी वर्षा जल पर निर्भर करती है। इसका कारण यह है कि देश में आज भी सिंचाई के पर्याप्त साधन विकसित नहीं हो पाये हैं।
लेकिन देश की केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से सिंचाई के साधन किसानों को प्रदान करने के लिये अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं।
इन्हीं में से एक योजना हिंदी भाषी उत्तरप्रदेश में चलाई जा रही है। जिसका नाम Free Boring Yojana Uttar Pradesh है।
निशुल्क बोरिंग योजना का संचालन उत्तर प्रदेश सरकार के लघु एवं सिंचाई विभाग के द्धारा पिछले कई सालों से किया जा रहा है।
इस योजना की शुरूआत सन 1985 में की गयी थी। फ्री बोरिंग योजना नारायण दत्त तिवारी तथा वीर बहादुर के समय लागू की गयी थी।
अब यह तो स्पष्ट नहीं है कि फ्री बोरिंग योजना कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी अथवा वीर बहादुर सिंह में से किसने शुरू की थी। पर यह दोनों सन 1985 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
उथले नलकूप योजना के तहत फ्री बोरिंग के नियम एवं दिशा निर्देश विस्तार से नीचे दिये जा रहे हैं। कृप्या इन्हें विस्तार पूर्वक पढ़ें।
निशुल्क बोरिंग योजना के तहत (उथले नलकूप श्रेणीं) में अनुसूचित जाति / जनजाति के किसानों को 10,000 रूपये का अधिकतम अनुदान दिया जाता है।
इस योजना के तहत न्यूनतम जोत संबंधी किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। इसके अलावा बोरिंग के समय 10 हजार रूपये में से कुछ धनराशि बच जाती है।
तो किसान बची हुई रकम से डिलीवरी पाइप, बेंड तथा रिफ्लेक्स आदि चीजों को खरीद सकते हैं, जो बोरिंग सेटअप में काम आते हैं।
इसके अलावा यदि अनुसूचित जाति, जनजाति के किसान उथले नलकूप योजना के तहत पंपसेट भी बोरिंग के दौरान स्थापित करते हैं, तो उन्हें अधिकतम 9000 रूपये का अनुदान अलग से प्राप्त होता है।
उथले नलकूप योजना के तहत उत्तर प्रदेश में लघु एंव सीमांत किसानों को क्रमश: 5 हजार तथा 7 हजार रूपये की सरकारी सहायता प्रदान की जाती है।
लेकिन सामान्य जाति के लघु एवं सीमांत किसानों किसानों के लिये 0.2 हेक्टेयर जोत सीमा निर्धारित की गयी है।
इस वर्ग के किसानों को पंपसेट लगाना अनिवार्य नहीं है। लेकिन यदि कोई किसान पंपसेट को खरीद कर बोरिंग में स्थापित करता है, तो उसे क्रमश: 4,500 तथा 6000 रूपये का अतिरिक्त अनुदान सहायता के रूप में मिलता है।
शासनादेश संख्या 955/62-2-2012, दिनांक 22 मार्च 2016 से 110MM साइज के पाइप लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।
पहले केवल HDPE पाइप 90MM साइज के पाइप लगाने की ही अनुमति दी जाती थी। फ्री बोरिंग योजना के तहत पाइप लागत का 50 प्रतिशत यानि 3000 रूपये अधिकतम अनुदान किसानों को प्रदान किया जाता है।
किसानों की सुविधा के लिये बोरिंग के पश्चात पंप सेट लगाने के लिये नाबार्ड के द्धारा खरीद योजना लागू की गयी है। इस योजना के तहत अलग अलग हार्सपावर के पंपसेट खरीदे जा सकते हैं।
इन पंपसेटों की खरीद पर विभिन्न बैंकों के द्धारा ऋण प्रदान किया जाता है। इन पंपसेटों को रजिस्टर्ड दुकानों से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा इस योजना के तहत ISI मार्का पंप खरीदना अनिवार्य है।
फ्री बोरिंग योजना उथले नलकूप योजना pdf Form Download करने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें
उत्तरप्रदेश फ्री बोरिंग योजना के तहत मध्यम गहरे नलकूप श्रेणीं की बोरिंग उन स्थानों पर की जाती है। जहां बोरिंग की गहराई 31 मीटर से 60 मीटर तक होती है।
यह योजना प्रदेश के एल्यूवियल क्षेत्रों में लागू है। साथ ही इस योजना के दायरें में सभी जातियों के किसानों को शामिल किया गया है।
इस बोरिंग योजना की दूसरी बड़ी शर्त यह है कि बोरिंग होने के पश्चात कम से कम 6 हेक्टेयर शुद्ध तथा 10 हेक्टेयर सकल भूमि अवश्य सिंचिंत की जानी चाहिए।
इस बोरिंग योजना का पूरा कार्य छोटी तथा हल्की मशीनों के द्धारा संपन्न किया जाता है।
इस श्रेणी के नलकूप की बोरिंग कराने के लिये लागत का 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। जो अधिकतम 75 हजार रूपये होता है।
इस योजना के तहत नलकूप निर्मांण की लागत में में ड्रिलिंग, पाइप, पंप हाऊस, डिलीवरी टैंक तथा अन्य सामग्रियों के व्यय भी शामिल किये जाते हैं।
इस श्रेणीं के नलकूप के लिये विद्धुतीकरण के लिये अलग से 68 हजार रूपये की सरकारी सहयता किसानों को प्रदान की जाती है।
तथा जल वितरण प्रणाली के लिये अलग से 10 हजार रूपये का अनुदान भी दिया जाता है। लेकिन यदि किसी कारणवश किसान के खेत में बोरिंग असफल हो जाती है।
तो किसान को बोरिंग पर हुए व्यय का 10 प्रतिशत अधिकतम 1 हजार रूपये काट कर शेष राशि लौटा दी जाती है।
फ्री बोरिंग योजना मध्यम गहरे नलकूप योजना pdf Form Download करने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें
यूपी में बहुत से ऐसे इलाके भी हैं, जहां भूगर्भीय जलस्तर बहुत नीचे है। इसलिये इन इलकों में गहरे नलकूप श्रेणीं की Free Boring Scheme लागू की गयी है।
इस योजना के तहत भारी मशीनों के द्धारा बोरिंग की जाती है। तथा कम से कम 60 मीटर गहरी बोरिंग होना बेहद जरूरी है।
लेकिन पठारी क्षेत्रों में रिंग मशीन के द्धारा की जा रही बोरिंग पर गहराई संबंधी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
गहरे नलकूप श्रेणी बोरिंग योजना के तहत कम से कम 20 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होना आवश्यक है। इसके अलावा इस श्रेणीं में सभी जाति तथा वर्गों के किसानों को लाभ प्रदान किया जाता है।
इस योजना के तहत किसानों को बोरिंग की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। जोकि अधिकतम 1,00,000 रूपये होता है।
इस लागत में बोरिंग के समय लगने वाले सामान को भी सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा विद्धुतीकरण के लिये अलग से 68 हजार रूपये की सरकारी सहायता भी मिलती है।
तथा जल वितरण प्रणाली के लिये 1 हजार रूपये की धनराशि भी प्रदान की जाती है। लेकिन यदि किसी कारण वश बोरिंग असफल हो जाती है तो किसान को बोरिंग पर हुए व्यय का 10 प्रतिशत काट कर जोकि अधिकतम 1000 रूपये होता है। शेष राशि लौटा दी जाती है।
फ्री बोरिंग योजना गहरे नलकूप योजना pdf Form Download करने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि उत्तरप्रदेश में वर्ष 2022 में निशुल्क बोरिंग योजना के लिये Online आवेदन की कोई सुविधा मौजूद नहीं है। इसलिये कृप्या फार्म भर कर अपने जिले के लघु सिंचाई विभाग में जाकर जमा करें।
आप तीनों श्रेणियों के फार्म ऊपर दिये दिये तीनों लिंकों के जरिये घर बैठे डाउनलोड कर सकते हैं।
यदि आप अपने खेत मे Free Boring करवा कर नलकूप स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो आप ऊपर दिये गये लिंक की सहायता से किसी भी श्रेणीं का फार्म डाउनलोड कर सकते हैं।
उथले नलकूप योजना, मध्यम गहरे नलकूप योजना तथा गहरे नलकूप योजना के पीडीएफ फार्म आसानी से डाउनलोड किये जा सकते हैं।
आप जिस श्रेणी में आवेदन करना चाहते हैं, आपको उस श्रेणीं का आवेदन पत्र भरना होगा और सभी जरूरी दस्तावेज सलंग्न करके तथा नवीनतम फोटो चस्पा करके लघु सिंचाई विभाग के कार्यलय में जाकर जमा करना होगा।
आपके द्धारा फार्म जमा करते ही, आवेदन पत्र की जांच शुरू की जाती है। यदि आप पात्र पाये जाते हैं, तो आपका चयन Free Boring Yojana के तहत कर लिया जाता है और आपको इस योजना से संबंधित सभी लाभ प्रदान कर दिये जाते हैं।
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This post was last modified on February 6, 2022
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