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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में बहुत सी स्वरोजगार योजनायें चलाई जा रही हैं। इन सभी योजनाओं का एक मात्र मकसद प्रदेश में निचले स्तर तक स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना है।
Murgi Palan Yojana भी इन्हीं में से एक है। उत्तर प्रदेश में मुर्गी पालन कैसे करें और प्रदेश में मौजूद मुर्गी पालन योजनाओं का लाभ कैसे उठायें? इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।
यूपी में मुर्गी पालन से संबंधित एक नहीं बल्कि 6 योजनायें कई साल से संचालित हो रही हैं। अब तक इन Murgi Palan Yojnao का लाभ हजारों नौजवानों ने उठाया है।
इसलिये आप सभी को मुर्गी पालन योजनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आपको सरकारी मदत हासिल करके अपने गांव अथवा शहर में Poultry Farm शुरू करने में आसानी हो।
हम आपको उत्तर प्रदेश में संचालित सभी Murgi Palan योजनाओं के बारे में क्रम से बताने जा रहे हैं। इसलिये पूरी पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ें।
उत्तर प्रदेश में पिछले कई साल से कुक्कुट विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। Kukkut Vikas कार्यक्रम यूपी में केंद्र सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है।
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत यूपी में Broiler Palan Yojana चलाई जा रही है।
यूपी सरकार की इस Murgi Palan Yojana का लाभ सभी जाति वर्ग के लोगों को मिलता है। इस योजना का उद्देश्य पूरे राज्य में कुक्कुट पालन की छोटी छोटी ईकाई लगवा कर ग्रामीण स्तर पर ही रोजगार का बड़े पैमाने पर सृजन करना है।
यह योजना Bank Loan के आधार पर काम करती है। Murgi Palan Loan लेकर कोई भी व्यक्ति 500 – 500 चूजों वाली Broiler Unit शुरू कर सकता है।
इस योजना के तहत खुलने वाली 1 ईकाई की लागत 1,00,000 रूपये होती है। इस योजना के तहत बैकों से 50% बैंक ऋण हासिल होता है। जबकि कुल लागत का 25% अनुदान के रूप में सरकारी मदत मिलती है।
बाकी की 25% रकम मार्जिन मनी के रूप में मुर्गी फार्म लगाने वाले व्यक्ति को वहन करनी होती है।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है, कि आप Broiler Palan Yojana की ईकाई लगाने के बाद सालाना 70,000 हजार रूपये का शुद्ध लाभ हासिल कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में संचालित यह योजना भी बहुत पुरानी है। यह योजना केंद्र सरकार के द्धारा वित्त पोषित है। केंद्र सरकार की इस योजना में 60% की हिस्सेदारी है।
यह योजना प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लिये है। इस योजना के तहत ग्रामीण स्तर पर रूरल बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म युनिट स्थापित की जाती है। जोकि एक मदर युनिट होती है।
इस मुर्गी फार्म योजना के तहत लाभार्थियों को दूसरी मदर युनिट से लगातार तैयार चूजों की सप्लाई की जाती है।
यह योजना प्रदेश के बीपीएल श्रेणीं के लोगों के लिये है।
इस योजना के तहत स्थापित होने वाली युनिट से 300 लाभार्थियों को चूजे सप्लाई किये जाते हैं।
इस योजना के तहत शुरू होने वाली मदर युनिट का संचालन किया जाता है। जहां पर 1 माह तक चूजों का उचित प्रकार से पालन पोषण करना पड़ता है।
इस मदर युनिट से 300 लाभार्थी जुड़े होते हैं। मदर युनिट के संचालक को अपनी ओर से अथवा बैंक लोन के जरिये 1 लाख 50 हजार रूपये स्थापना पर व्यय करने होते हैं।
इसके अलावा सरकार की ओर से इस योजना के तहत 60 हजार रूपये का अनुदान भी दिया जाता है।
पोल्ट्री फार्म की मदर ईकाई में प्रति चूजा 50 रूपये की दर से चूजों को 1 माह तक पालन पोषण करने के लिये मिलता है।
इसके बाद लाभार्थी को एक माह के 25 चूजों 2 किस्तों में दिये जाते हैं। जिनका पालन पोषण करना लाभार्थी को करना होता है। इतना करने के बाद लाभार्थियों को लाभ के रूप में मांस तथा अंडे आदि प्राप्त होते हैं।
उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लोगों के लिये बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना भी संचालित है।
इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति के लोगों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना के लाभार्थियों की आय में बढ़ोत्तरी होती है। जिसकी वजह से SC / ST परिवारों के जीवन स्तर में काफी सुधार आता है।
बैकयार्ड पोल्ट्री कार्यक्रम के तहत 1 युनिट के निर्मांण में कुल 3000 रूपये का खर्च आता है। इस योजना के तहत बैकयार्ड Murgi Palan Yojana के तहत 50 चूजे उपलब्ध कराये जाते हैं। जिनकी कीमत 900 रूपये मात्र होती है।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है, कि इससे समाज के सबसे कमजोर तबके को सीधा फाएदा होता है। वह अपनी खाली पड़ी जमीन पर आसानी से बैकयार्ड युनिट स्थापित कर लेते हैं।
इसके अलावा इस योजना लाभार्थियों को एक दम फ्री प्रशिक्षण, चूजों के लिये जरूरी आहार तथा दवायें दी जाती हैं। यह सभी चीजें पूरी तरह निशुल्क होती हैं।
बैकयार्ड पोल्ट्री कार्यक्रम के तहत स्थापित होने वाली ईकाई के लाभार्थी को 7 – 10 अंडे रोज प्राप्त होते हैं। तथा मांस भी प्राप्त होता है। जिससे उन्हें पर्याप्त मासिक आय होती रहती है।
उत्तर प्रदेश में इस योजना का संचालन पिछले काफी समय से हो रहा है। यह योजना उन लोगों के लिये है, जो व्यवसायिक स्तर पर कोई बड़ी मुर्गी पालन युनिट लगाना चाहते हैं।
इस योजना के तहत सरकारी मदत के रूप में अनुदान तथा बैंक लोन आदि मिलता है।
इस योजना का संचालन भी व्यवसायिक स्तर पर लगने वाली युनिट के लिये है। इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश मे कोई व्यक्ति मंझौले स्तर का Poultry Farm शुरू कर सकता है।
इस योजना के तहत सरकारी अनुदान भी मिलता है और बैंक ऋण भी आसानी से प्राप्त हो जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुर्गी पालन से संबंधित एक नई योजना Mahila Samrudhhi Broiler Yojana शुरू की है। इस योजना को बुंदेलखंड पैकेज के जरिये शुरू किया गया है।
यह योजना विशेष रूप से बुंदेलखंड की महिलाओं के लिये है। इस योजना का लाभ बुंदेलखंड के जालौन, हमीरपुर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट तथा महोबा जिले को हो रहा है।
यदि हम चित्रकूट मंडल की बात करें तो मंडल के सभी चारों जिलों में प्रत्येक ब्लॉक की सभी वर्गों की कुल 210 महिलाओं का चयन किया जाएगा।
इन सभी महिलाओं को 150 चूजे पालने की ट्रेनिंग भी एकदम निशुल्क प्रदान की जाएगी। जिसके बाद महिलाओं को Murgi Palan Yojana के तहत टीन शेड लगाकर युनिट स्थापित करने में भी सहायता प्रदान की जाएगी।
महिला समृद्धि ब्रायलर योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण लेने के बाद 50 वर्ग फीट का कुक्कुट बाड़ा तैयार करना होगा। जिसके लिये युनिट स्थापित करने वाली महिला को टीन शेड के लिये 10 हजार रूपये की सरकारी मदत अनुदान के रूप में प्राप्त होगी।
इस योजना के तहत कुक्कुट बाडा तैयार करने वाली माहिला को अनुदान राशि, कुक्कुट बाड़ा, अच्छी नस्ल के चूजे, बर्तन तथा आहार आदि के लिये उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना के तहत स्थापित होने वाली युनिट से लाभार्थी महिला को प्रतिमाह कम से कम 15 से 20 हजार रूपये की शुद्ध आय होगी।
यह योजना बुंदेलखंड के 7 जिलों के लिये है। इसका लाभ उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में रहने वाले लोगों को नहीं मिलेगा।
मुर्गी फार्म खोलने के लिये उत्तर प्रदेश में कई योजनाओं के जरिये सरकारी अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा Murgi Farm Loan भी सभी राष्ट्रीकृत तथा सहकारी बैंकों के द्धारा उपलब्ध कराया जाता है।
आप इन सभी योजनाओं की जानकारी कर लेने के बाद अपने जिले के पशुपालन विभाग में जाकर संपर्क करें और योजना से संबंधित आवेदन पत्र की मांग करें। साथ ही यह भी पता करें, कि योजना में आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
मैं ऐसा इसलिये कह रहा हूं, क्योंकि मुर्गी पालन योजना से संबंधित कोई भी आवेदन ऑनलाइन सबमिट किये जाने की सुविधा उत्तर प्रदेश में मौजूद नहीं है।
फिर जैसा पशुपालन अधिकारी से जानकारी मिले, आप उसी प्रकार फार्म भर कर विभाग में जमा कर दें। इस प्रकार आप आसानी से मुर्गी फार्म खोल सकते हैं।
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This post was last modified on March 28, 2022
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