Ahilyabai Holkar Bakri Palan Yojana | Uttrakhand Bakri Palan Yojana | Bakri Palan Kaise Kare | Bakri Palan Loan | Bakri Palan Uttrakhand | Bakri Palan Training in Uttrakhand |
भारत के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में राज्य सरकार के द्धारा Ahilyabai Holkar Bakri Palan Yojana चलाई जा रही है।
इस योजना को अहिल्याबाई होल्कर भेड़ / बकरी विकास योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का मकसद उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को मजबूत बनाना है।
इस योजना के तहत बकरी पालन करने वाले पशुपालकों का बायोमेट्रिक पंजीकरण किया जाता है। साथ ही इस योजना के तहत स्थापित की जाने वाली Bakri Palan ईकाई की स्थापना के लिये 90 प्रतिशत तक अनुदान (Grant) दिया जाता है।
यह योजना बहुत अच्छी है। इसकी शुरूआत सन 2014-15 में हुई थी। तब से इस योजना के लाभ बहुत से पशुपालको को मिल चुका है।
यदि आप 10 मादा बकरी तथा भेड़ खरीद कर यूनिट स्थापित करना चाहते हैं, तो योजना के तहत इनका क्रय मूल्य 60,000 रूपये होगा।
दवाओं तथा टीकाकरण पर व्यय 770 रूपये, एक नर बकरे तथा मेढ़े का मूल्य 8000 रूपये निर्धारित है।
योजना के तहत ईकाई के निर्मांण अथवा मरम्मत के लिये 20,000 रूपये निर्धारित हैं। इसके अलावा साइनबोर्ड, पशु बीमा, पशु यातायात आदि पर व्यय 11,000 रूपये तय है।
Ahilyabai Holkar Bakri Palan Yojana के तहत बकरी पालन ईकाई स्थापति करने के लिये सरकार की ओर से 91,770 अनुदान पशु पालक को दिया जाता है।
जिसमें यूनिट स्थापित करने में पशुपालक का खर्च 8% के हिसाब से केवल 8000 रूपये ही होता है। इस लिहाज से यह योजना अपनी श्रेणी में सबसे बेहतर मानी जाती है।
अहिल्याबाई होल्कर भेड़ बकरी पालन योजना के तहत पशुओं की खरीद योजना के लाभार्थी अथवा क्रय समिति के द्धारा की जाती है।
इस योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाली ईकाई के लिये नर तथा मादा बकरियों की खरीद राज्य के अंदर अथवा जरूरी नस्ल की खरीद राज्य के बाहर से भी खरीदी जा सकती है।
बकरियों की खरीद से पहले उनका चिकित्सीय परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा पशु चिकित्सा अधिकारी के द्धारा पशु के पूर्णं रूप से स्वस्थ पशु होने का प्रमाण पत्र आवश्यक है।
पशुओं की खरीद के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी के द्धारा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अंतर्गत पशुओं के परिवहन के लिये प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।
यदि आप अहिल्याबाई होल्कर बकरी पालन योजना उत्तराखंड के तहत बकरी फार्म खोलने जा रहे हैं, तो इस योजना के अंतर्गत खरीदे गए सभी नर व मादा भेड़, बकरियों का बीमा अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
इन पशुओं का बीमा पहले से निर्धारित बीमा कंपनी से ही कराना होगा। पशुओं के बीमे की अवधि 3 वर्ष होगी।
इसके अलावा भेड़ बकरियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा है, तो उनका परिवहन बीमा कराना भी बेहद जरूरी है।
अहिल्याबाई होल्कर बकरी पालन योजना का लाभ उठाने के लिये सब से जरूरी है, कि आप पहले उत्तराखंड में Bakri Palan Training ले लें।
बिना Training के युनिट स्थापित करने से आपको लाभ के बजाये नुकसान हो सकता है। इसलिये ट्रेनिंग को अनदेखा करने की भूल कतई न करें।
इस योजना में आवेदन करने के लिये आपको अपने जिले के पशुपालन विभाग अथवा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से योजना का फार्म लेकर भरना होगा।
फार्म भर देने के बाद आपको उसमें सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न करने हैं और फिर पूरा आवेदन फाइल की शक्ल में जमा कर देना है।
आवेदन पत्र जमा करने के बाद पहले आओ पहले पाओ की नीति के आधार पर विचार किया जाएगा और दस्तावेज सही पाये जाने पर आपका चयन अहिलयाबाई होल्कर बकरी पालन योजना के तहत कर लिया जाएगा।
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