Hindenburg Report in Hindi : दुनिया की प्रख्यात वित्तीय शोध के कार्य करने वाली कंपनी Hindenburg Research ने हाल ही में एक रिपोर्ट सार्वजनिक की है, जिसका सीधा संबंध भारत के नंबर एक उद्धोगपति गौतम अडानी से है। Hindenburg Adani रिपोर्ट के सार्वजनिक किये जाते ही अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के शेयरों के दामों में तेजी से गिरावट देखने को मिली है।
Hindenburg Report ने भारत में Political Earthquake की स्थिति पैदा कर दी है। हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट आते ही BSE और NSE में सूचीबद्ध शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली कंपनियां अडानी ग्रुप की हैं।
शेयरों के प्राइज में कमी आते ही गौतम अडानी दुनिया के 10 सबसे अमीर व्यक्तियों सूची से बाहर हो गये। वर्तमान में Bloomberg Billionaires Index में 11वें पायदान पर दिखाई दे रहे हैं।
आज की इस पोस्ट में हम आपको Hindenburg | Hindenburg Research | Hindenburg Research Adani | Hindenburg Report Adani | Is Hindenburg Report True | Hindenburg Company | Hindenburg News Today आदि के विषय में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं, कृप्या इसे पढ़ कर पूरे मामले को समझने का प्रयास करें।
Hindenburg Report Kya Hai in Hindi : पिछले माह की 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग कंपनी ने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें अडानी समूह की कंपनियों पर कई गंभीर किस्म के आरोप लगाये गये हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी पर जो सबसे बड़ा आरोप लगाया गया है, वह यह है कि उन्होंनें अपनी कंपनियों के शेयरों को जरूरत से ज्यादा ओवर वैल्यूड किया है। जिसकी वजह से उनकी कंपनियों के दाम कृत्रिम तरीके से बढ़े हुये हैं।
जैसे ही Hindenburg Report Adani के संबंध में दुनिया और भारत के लोगों के सामने आई पूरे देश में राजनीतिक व आर्थिक भूचाल की स्थिति पैदा हो गयी। देखते ही देखते अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गयी और निवेशकों के कई लाख करोड़ रूपये डूब गये।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट मे अडानी ग्रुप की कंपनियों के बारे में साफ साफ कहा गया है, कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के दाम ओवर वैल्यूड किये गये हैं। यह खुलासा होते ही गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों के प्राइज में 46% से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है।
वहीं जिन दूसरी कंपनियों मसलन LIC, बैंकों समेत अन्य कंपनियां, फंड हाउस जिन्होंनें अपना पैसा अडानी ग्रुप में Invest किया था, उन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। शेयर बाजार के एक आकलन के अनुसार अन्य कंपनियों को 10 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा नुकसान हुआ।
Hindenburg Report जो अडानी ग्रुप के संबंध में जारी की गयी है वह लगभग 32 हजार शब्दों की है। जिनमें करीब 88 प्रश्न व बिंदु शामिल किये गये हैं। इस रिपोर्ट में अडानी समूह के खिलाफ आरोप लगाते हुये दावा किया गया है कि यह शेयरों के दामों में हेर फेर तथा अकाउंटस में धोखाधड़ी करके निवेशकों तथा बाजार को प्रभावित कर रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि पिछले 3 साल की अवधि के दौरान अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों का प्राइज बढ़ने से गौतम अडानी की संपत्ति 1 अरब डॉलर से बढ़ कर 120 अरब $ के पार पहुंच गयी है। इस अवधि के दौरान अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के दाम 819% से अधिक हो चुके हैं।
अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट दुनिया के सामने आते ही भारत में राजनीतिक आर्थिक भूचाल आ गया है। संसद से लेकर जिला स्तर पर इस रिपोर्ट की चर्चा हो रही है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने संसद में सरकार को जम कर घेरा है। वहीं दूसरी ओर एलआईसी तथा राष्ट्रीकृत बैंकों का पैसा अडानी ग्रुप की कंपनियों में लगा होने की खबर से लोगों में अपना पैसा डूब जाने का डर भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि LIC तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अडानी समूह की कंपनियों को भारी मात्रा में Loan देने के साथ साथ उनके शेयरों में भी निवेश किया हुआ है। ऐसे में अगर अडानी की कंपनियां डूबती हैं तो लोगों का पैसा भी डूब जायेगा। पैसा डूब जाने की संभावित स्थिति के चलते ही समूचे देश में आर्थिक भय का माहौल बना हुआ है।
जी हां, हम आपको एक अन्य बिंदू की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं, वह यह कि जिस रिपोर्ट को पेश करने वाली वित्तीय शोध करने वाली कंपनी Hindenburg Research ने गौतम अडानी के साम्राज्य की जड़े हिला दीं, वही हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों को बेंच कर लाखों डॉलर का मुनाफा कमाया है। इस बात की जानकारी हिंडनबर्ग ने खुद आधिकारिक सूचना जारी करके दी है।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि हिंडनबर्ग कंपनी की कमाई का मुख्य जरिया शार्ट सेलिंग है। इसने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के शेयरों को खरीदा और फिर शार्ट सेलिंग के जरिये बेंच दिया। इस तरह उसने करोड़ों रूपये का मुनाफा कमाया।
Short Selling Kya Hoti Hai : अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि शॉर्ट सेलिंग क्या है व इससे मुनाफा कैसे कमाया जा सकता है? तो चलिये हम आपको बताते हैं। यदि किसी इनवेस्टर को यह पता हो कि किसी कंपनी के शेयरों में गिरावट आने वाली है तो वह शार्ट सेलिंग के जरिये भी भारी मात्रा में मुनाफा कमा सकता है।
ऐसे निवेशक कंपनी के शेयरों को उस समय खरीदते हैं, जब शेयरों के दामों में गिरावट आने वाली हो। निवेशक शेयरों को दामों में गिरावट आते ही उस कंपनी के शेयरों को बेंच कर मुनाफा कमाते हैं।
इसको आप इस तरह समझ सकते हैं मान लीजिये कि आपने 800 रूपये के स्टॉक को 400 रूपये तक गिरने का अनुमान लगाता है। इसके लिये वह अपने मार्जिन अकाउंट का इस्तेमाल करता है। एक शार्ट सेलर निवेशक 800 रूपये के शेयर को 400 रूपये तक गिरने पर बेंच देगा तथा फिर जब स्टॉक गिर जाता है, तो स्टॉक सेलर उसे वापस खरीद लेता है व अपनी स्थिति क्लोज रूप में दर्शाता है। यहां फंडा यह है कि उस निवेशक ने 100 रूपये मे बेंचा और वही चीज 85 रूपये में फिर खरीद ली। इससे शार्ट सेलिंग निवेशक को सीधे सीधे 15 रूपये का फाएदा हुआ।
What is Hindenburg Research Company : हिंडनबर्ग को वित्तीय क्षेत्रों में शोध करने वाली कंपनी के रूप में जाना जाता है। यह कंपनी क्रेडिट / इक्विटी तथा डेरीवेटिव मार्केट से संबंधित डेटा का विश्लेषण करती है। इस कंपनी के द्धारा Short Selling तथा हेज फंड का व्यापार भी करती है।
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी तमाम तरह के डेटा का आकलन करके इस बात का पता लगाने का प्रयास करती है कि दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों में धोखाधड़ी करके गलत तरीके से आम निवेशकों के पैसों की हेराफेरी तो नहीं की जा रही?
इसके अलावा वह यह भी पता करती है कि कंपनियां अकाउंट के साथ छेड़छाड़ करके खुद को बाजार में बड़ी कंपनी होने का छलावा तो नहीं कर रही हैं। दुनिया भर के शेयर बाजारों में कुछ कंपनियां अपने फायदे के लिये गलत तरीके से बेट लगा कर उनके शेयरों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रही हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी कंपनी है। जिसकी शुरूआत वर्ष नाथन एंडरसन ने 2017 में की थी। इस कंपनी का नामकरण हिंडनबर्ग आपदा की स्मृति में किया गया है। जो जर्मन हवाई जहाज के 1937 में आग में जल कर ध्वस्त हो गया था। इस आपदा में 35 लोग मारे गये थे।
जब से यह कंपनी अस्तित्व में आई तब से इसने निम्न कंपनियों के खिलाफ Hindenburg Report जारी की है –
हिंडनबर्ग अडानी रिपोर्ट जारी होने के बाद पैदा हुये आर्थिक भूचाल के बीच अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी को कानूनी कार्रवाही की चेतावनी है। लेकिन इस चेतावनी का हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी पर कोई असर नहीं पड़ा है।
अडानी समूह की कानूनी कार्रवाही की चेतावनी का जवाब देते हुये Hindenburg ने कहा कि वह अडानी समूह की कानूनी कार्रवाही की धमकी का स्वागत करते हैं और हम आज भी Hindenburg Adani Report 2023 पर कायम हैं। अगर अडानी मुकदमा करते हैं तो उन्हें एक मुकदमा अमेरिका में भी करना चाहिये जहां उनकी कंपनी रजिस्टर्ड है। हम कोर्ट में सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने को तैयार हैं।
Hindenburg Adani Report pdf फाइल के रूप में हिंडनबर्ग रिसर्च की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद नहीं है। लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से Hindenburg Official Website पर पढ़ा जा सकता है। आप चाहें तो इस रिपोर्ट को कॉपी करके सेव कर सकते हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगे आरोपों का जवाब देते हुये अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज ने Adani Response to Hindenburg के रूप में आधिकारिक जवाब सार्वजनिक रूप से दिया है।
आप इसे Adani Response to Hindenburg PDF फाइल के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। जिसका लिंक आपको नीचे दिया जा रहा है।
जी हां, हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से धड़ाम हो चुके शेयर बाजार की हालत कुछ दिन में बेहतर हो जाने की उम्मीद है। ऐसा क्राइसिस पहली बार नहीं हुआ है। इसलिये चिंता न करें।
फिलहाल सभी बैंक जिन्होंनें अडानी ग्रुप की कंपनियों को ऋण दिया है, वह पूरे मामले का आकलन व विश्लेषण कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बैंक व अन्य वित्तीय कंपनियां अडानी ग्रुप को लोन देने से बचती हुई नजर आएंगीं।
अनेक राजनीतिक दल तथा बाजार विशेषज्ञ सुप्रीम कोर्ट में गये हैं। अब अडानी समूह पर लगे वित्तीय आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी समूह के खिलाफ जब से सार्वजनिक हुई है तब से सरकार, वित्त मंत्रालय तथा आरबीआई समेत तमाम ऐजेंसियों के कान खड़े हो गये हैं। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद से अडानी समूह के खिलाफ कई बड़े एक्शन देखने को मिले हैं। जो निम्न प्रकार हैं।
आरबीआई ने सभी बैंकों को नोटिस जारी करके सभी बैंकों से इस बात की जानकारी मांगी है, कि किस बैंक ने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज को कितना कितना लोन दिया है व किस आधार पर दिया है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद सिटी ग्रुप ने अडानी समूह की कंपनी की सिक्यूरिटीज को लेना बंद कर दिया है। इससे अडानी को तगड़ा झटका लगा है।
क्रेउिट सुइस ने भी अडानी ग्रुप की कंपनी की सिक्यूरिटीज को लेना बंद कर दिया है। जिससे अडानी को बड़ा नुकसान होने की संभावना है। पहले यह कंपनी अडानी ग्रुप की कई कंपनियों को 75% लैंडिग वैल्यू प्रदान करती थी, जिसे अब घटा कर जीरो कर दिया गया है।
Hindenburg Adani News Today : हिंडनबर्ग रिपोर्ट पेश होने के बाद सेबी ने भी अडानी ग्रुप को लेकर बड़ा बयान दिया है। सेबी ने कहा वह शेयर बाजार में निष्पक्षता, कुशलता और उसकी मजबूत बुनियाद बनाये रखने के साथ सभी जरूरी निगरानी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
Hindenburg Report से मचे राजनीतिक आर्थिक कोहराम के बीच खुद अडानी इंटरप्राइजेज ने अपने FPO रदद कर दिये हैं।हैं। ऐसा करते हुये गौतम अडानी ने कहा कि वह ऐसा कदम नैतिकता के आधार पर उठा रहे हैं।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट Hindenburg Report Kya Hai | हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी से क्यों आया Political Earthquake यदि आप Hindenburg Adani Report in Hindi से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
This post was last modified on June 10, 2023
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