Sahara India Payment Kab Hoga | Sahara Ka Bhugtan Kaise Karaye | Sahara Bhugtan 2023 | Sahara Ka Paisa Kab Milega 2023 | Sahara Ka Paisa Kab Tak Milega | Sahara Sebi News | Sahara India Latest News Today in Hindi | Sahara India News | Sahara India Bank
पूरे देश में 2012 से लेकर 2023 एक ही बात की सुगबुगाहट जोरों पर है कि सहारा पैसा कब देगी। इसका कारण यह है कि Sahara India परिवार की ओर से चलाई जा रही बचत योजनाओं पर Securities and Exchange Board of India (SEBI) का शिंकजा कसा हुआ है। सहारा कंपनी की सभी जमा योजनायें कानूनी पचड़ों में बुरी तरह फंस चुकी हैं। मामला रियल इस्टेट सोसाइटी बांड से शुरू हुआ था। लेकिन सहारा ने अपनी बाकी अन्य सोसाटियों में जमा निवेशकों के धन को जाम कर दिया है। अपनी इस कारगुजारी को छिपाने के लिये सहारा श्री सुब्रत राय सहारा कानून की कमजोरियों का बखूबी फायदा उठा रहे हैं। नुकसान सिर्फ और सिर्फ गरीब जनता का हो रहा है, जिसने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा सहारा की योजनाओं में जमा किया था।
सहारा इंडिया चिटफंड कंपनी इस समय निवेशकों का पैसा न लौटाने के गंभीर किस्म के आरोपों से जूझ रही है। इस कंपनी तथा सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है। इसी मुकदमें के चलते सहारा श्री सुब्रत राय सहारा को एक वर्ष से अधिक समय तक जेल के अंदर रहना पड़ा था। लेकिन साल 2023 में सुब्रत राय सहारा जमानत पर बाहर घूम रहे हैं और जमाकर्ताओं का पैसा न देकर मामले को कानूनी पेचिदिगियों में उलझा कर लंबा खींच रहे हैं।
Sahara India Latest News Today in Hindi के तहत यदि सहारा इंडिया परिवार में मचे घमासान का विष्लेषण किया जाये तो नया समाचार यह है, कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा तथा कंपनी के अन्य 2 निदेशकों को अगले आदेश तक व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है। लेकिन अब सहारा को लेकर पूरे देश में जनआंदोलन शुरू हो चुका है। सहारा निवेशक मोर्चा की अगुवाई में देश के विभिन्न राज्यों के जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन करके आंदोलन किये जा रहे हैं। सहारा निवेशक मोर्चा में श्री नीरज शर्मा जी बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। उनके अथक प्रयासों की वजह से ही सहारा कंपनी के खिलाफ एक बड़ा जनांदोलन खड़ा हो पाया है।
वहीं दूसरी ओर सुब्रत राय की निगरानी में तैनात किये गये दिल्ली पुलिस के जवानों को भी हटाने का आदेश माननीय उच्चतम न्यायालय के द्धारा जारी कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि न्यायालय में Investors का पैसा लौटाने के लिये सुब्रत राय सहारा पर मुकदमा चल रहा है। यह मुकदमा सेबी सहारा खाते में 25,700 करोड़ रूपये जमा न करने से संबंधित है। Sahara India Refund मामले को लेकर हाल ही में मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में सहारा इंडिया के डायरेक्टर करूणेश त्रिपाठी की गिरफतारी की गयी है। जिनकी जमानत अर्जी मुरैना कोर्ट ने खारिज कर दी है। वहीं इस मामले में करूणेश त्रिपाठी के वकील उन्हें सहारा का डायरेक्टर न होने की दलील देते हुये उन्हें मामूली कर्मचारी बता कर बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
बहरहाल सहारा को लेकर देश में माहौल गर्म है लेकिन किसी को नहीं पता कि सहारा का पैसा कब मिलने वाला है। फिलहाल पैसा वापस मिलने की संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है।
Sahara India Payment date in Hindi :
सहारा इंडिया के भुगतान के लिये आज 18 जुलाई 2023 को केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के हाथों Sahara CRC Refund Portal लांच कर दिया गया है। इससे पहले केंद्रीय रजिस्ट्रार के द्धारा सहारा निवेशकों से लिखित शिकायतें मांगी गयी थीं। लेकिन अब एक ऑनलाइन सहारा भुगतान पोर्टल लांच कर दिया गया है। इस पोर्टल पर आपको जमाकर्ता रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करना होगा। इसके बाद आपका भुगतान आपके आधार सीडेड बैंक खाते में भेज दिया जायेगा। सहारा भुगतान के संदर्भ में यह बहुत बड़ी व लेटेस्ट खबर है, तो आज हम आपको दे रहे हैं। जमकर्ता पंजीकरण के बाद आपको जमाकर्ता लॉगिन Sahara Refund Portal पर करके Online Form भरना होगा तथा जमा रकम को प्रमाणित करने के लिये बांड पासबुक आदि की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। जांच के उपरांत आपका पैसा आपके बैंक खाते में भेज दिया जायेगा।
देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी सहारा इंडिया भुगतान संबंधी शिकायतें मिलने के बाद 10 मार्च 2022 को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान झारखंड के निवेशकों के 2500 करोड़ रूपये फंसे होने के मामले में चर्चा हुई थी।
जिसके बाद झारखंड की हेमंंत सोरेन सरकार ने निवेशकों की सुविधा के लिये पुलिस हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। निवेशक इस नंबर पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगें। शिकायत मिलने के बाद वित्त विभाग, CID (आर्थिक अपराध शाखा, झारखंड) के साथ मिल कर जांच और Sahara Ka Bhugtan दिलाने में सहायता करेगा।
Police Helpline Number Jharkhand for Sahara Payment – 112
सहारा इंडिया परिवार की चिटफंड कंपनी का 24,000 करोड़ रूपये से अधिक का पैसा सेबी सहारा खाते में फंसा हुआ है। स्थिति तब और अधिक खराब हो गई जब न तो सेबी ने आम निवेशकों को उनका भुगतान किया और न ही सहारा कंपनी ने।
सहारा चिटफंड कंपनी के तमाम बैंक खातों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लेनदेन पर रोक लगा दी गयी है। जिसके कारण सहारा का पैसा बैंकों में फंस गया है। इसी कारण कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही है और वह लोगों को पासबुक की मैच्योरिटी अवधि पूरी हो जाने के बाद भी भुगतान नहीं कर पा रही है।
इसके अतिरिक्त दूसरा कारण यह है, कि आम निवेशक भी अब सहारा की बचत योजनाओं में धन जमा करने से कतराने लगे हैं। जिसकी वजह से अब नये खाते नहीं खुल रहे हैं, इस कारण भी कंपनी के पास पर्याप्त मात्रा में पैसा नहीं पहुंच रहा है।
दोस्तों सहारा इंडिया परिवार की सभी कंपनियां इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं। इसलिये हमारी आपको सलाह है कि Sahara India 2023 Payment न होने की स्थिति में हमें इस कंपनी में नये खाते खोलने से बचना चाहिये।
यदि कंपनी पुरानी रकम का भुगतान निवेशकों को नहीं कर रही है, तो नये खाते खोलने का क्या लाभ है? यदि हम नया खाता खोल कर अपना पैसा जमा करते हैं, तो भुगतान संकट के चलते यह पैसा भी फंस जाएगा तथा सहारा का भुगतान कब होगा? कैसे होगा तथा होगा भी या नहीं यह कोई नहीं जानता। इसलिये भूल कर भी सहारा इंडिया की किसी भी जमा योजना में नया खाता खोल कर पैसा जमा न करें।
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What is Sahara Bank in Hindi : भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो सहारा इंडिया परिवार की कंपनी को Sahara Bank (सहारा बैंक) कहते हैं। जबकि यह गलत है। सहारा कोई बैंक नहीं है। न तो यह राष्ट्रीयकृत बैंक है और न ही निजी अथवा सहकारी ग्रामीण बैंक।
असल में यह एक विशुद्ध चिटफंट कंपनी है। जो देश के अनेक राज्यों के सभी जिलो में शहरों तथा ग्रामीण स्तर तक बचत योजनाओं के खाते खोलती है, लोगों से बचत योजनाओं में पैसा जमा कराती है तथा परिपक्वता की स्थिति में भुगतान भी करती है।
चूंकि सहारा इंडिया परिवार की कंपनियों का गठन चिटफंट नियमों के तहत किया गया है, इसलिये उसे सहारा बैंक कह कर पुकारना किसी भी दशा में उचित नहीं है।
जी हां दोस्तों, सहारा इंडिया परिवार देश में अनेक कंपनियों को संचालित करता है। जिसमें उसकी रियल स्टेट कंपनियां, मीडिया ग्रुप, प्रिंट मीडिया तथा अनेक सेक्टर में दर्जनों कंपनिया मौजूद हैं। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि चिटफंट कंपनी सहित सभी कंपनियों का वार्षिक टर्न ओवर लाखों करोड़ रूपयों का है। इसलिये इसे देश की बड़ी कंपनियों में शुमार किया जा सकता है।
सहारा पैसा कब देगी? यह तो ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन कंपनी ने अप्रैल 2023 में निवेशकों का भुगतान करने का भरोसा दिलाया था। सहारा इंडिया परिवार पिछले करीब 40 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहा है। उनकी कंपनियों ने आम जनता से जमा कराये रूपयों का समय से भुगतान भी किया है।
सहारा का इतिहास यदि हम उठा कर देखें तो इस कंपनी ने अपने निवेशकों को समय से पैसा लौटाया है। जिसकी वजह से इसने आम निवेशकों के दिलों पर हमेशा राज किया है। कुछ ऐजेंटों की लापरवाही के चलते ही निवेशक भुगतान में देरी के शिकार हुये हैं, लेकिन कंपनी ने हमेशा लोगों का भुगतान समय से ही किया है। इसलिये इस कंपनी पर भरोसा किया जा सकता है।
पूरे उत्तर भारत में सहारा इंडिया के बराबर की कद काठी वाली कोई दूसरी कंपनी नहीं है। यह एक मात्र ऐसी कंपनी है, जिसमें करोड़ों निवेशकों के अनेक खाते खुले हुये हैं। यदि यह कंपनी पुन: निवेशकों को समय से Payment करना शुरू कर दे तो इस पर भरोसा किया जा सकता है। लेकिन यह भरोसा सिर्फ सहारा इंडिया परिवार ही जता सकता है।
सहारा की बचत योजनाओं को लेकर सेबी में जांच चल रही है। जिनमें कुछ गड़बडि़या भी पायी गयी हैं। जिसकी वजह से रियल स्टेट बांड योजना को सेबी के द्धारा बंद भी किया जा चुका है। जिसके बाद सेबी ने रियल स्टेट बांड योजना में निवेश किये गये पैसे को सेबी के पास जमा करने का आदेश भी जारी किया गया था। जिसके बाद मामला कोर्ट में गया और सहारा को सेबी सहारा खाते में 24 हजार करोड़ रूपये के लगभग इसमें जमा भी करनी पड़ी है।
लेकिन अब तक सेबी ने इस रकम को देश के गरीब व आम निवेशकों को लौटाया नहीं है। जिसकी वजह से आम जनता के बीच सेबी की छवि भी धूमिल हुई है।
अभी चूंकि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिये हाल फिलहाल सहारा सेबी विवाद खत्म होनें की कोई संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है।
इस विवाद का पटाक्षेप माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही संभव हो सकता है। इसलिये निवेशकों को फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिये।
Sahara India Paisa Kab degi यह बहुत कुछ कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। चूंकि सहारा की बचत योजनाओं में अधिकांश पैसा गरीब तथा कमजोर वर्ग के लोगों का पैसा जमा जमा है। इसलिये कोर्ट को इस पर जल्दी ही कोई आम निवेशकों के हित में फैसला देना चाहिये।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड को सहारा मामले में अब तक कुल 20 हजार से भी कम के दावे मिले हैं। इनमें से 2 तिहाई लोगों को कुल 106.10 करोड़ रूपये सेबी ने लौटा भी दिये हैं।
सहारा समूह ने अपने रियल इस्टेट बांड स्कीम के तहत निवेशकों से 24,000 करोड़ रूपये की धनराशि जुटाई थी। इसलिये सेबी द्धारा निवेशकों को लौटाई गयी रकम कुल वसूली का 1 प्रतिशत भी नहीं है।
विवाद की जड़ में सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोशन तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन नाम की 2 कंपनियां हैं। सेबी ने इन्ही दोनों कंपनियों को 2011 में निवेशकों से जुटाया गया धन वापस लौटाने का आदेश जारी किया था।
एक ओर जहां सेबी सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोशन तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के द्धारा जुटाये गये धन को निवेशकों को लौटाने का आदेश जारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर सहारा समूह के वकील गौतम अवस्थी का यह कहना है कि चूंकि सेबी के पास 1 फीसदी से भी कम के दावे निवेशकों ने दायर किये हैं।
इससे पता चलता है कि सहारा बैंक अपने 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का पैसा वापस कर चुकी है। इसलिये वह कोर्ट से यह मांग करते हैं, कि सेबी के पास जो पैसा जमा है, वह एक प्रकार का दोहरा भुगतान है। इसलिये सेबी के पास सहारा के द्धारा जमा की गयी 24,000 करोड़ रूपये से अधिक की निष्क्रिय पड़ी रकम को सहारा को पुन: वापस लौटा दिया जाए। ताकि इस रकम का उपयोग सहारा इंडिया परिवार के कारोबार को बढ़ाने में किया जा सके।
जैसा कि सहारा समूह के वकील सुप्रीम कोर्ट में यह दावा कर रहे हैं, कि सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों के रियल इस्टेट बांड व सहारा हाउसिंग बांड का पैसा अपने स्तर पर आम निवेशकों को लौटा दिया है। यह सच नहीं है।
असल में सहारा इंडिया परिवार ने सहारा सेबी विवाद शुरू होने के बाद एक खेल खेला है। एक और उसने सेबी के आदेश को चुनौती दी तो दूसरी ओर रियल इस्टेट बांट तथा सहारा हाउसिंग कॉरपोरेशन की स्कीमों के तहत जुटाया गया पैसे को आम निवेशक को लौटाने के बाद Q – Shop के बांड में तब्दील कर दिया।
सहारा के इस कदम को कंपनी के एजेंटों ने निवेशकों को समझा बुझा कर परवान चढ़ाया है। यही कारण है कि सेबी के पास जमा 24,000 करोड़ रूपये की धनराशि को लेने के लिये निवेशकों ने कोई दावा नहीं जताया है।
जिसकी वजह से सहारा इंडिया परिवार सुप्रीम कोर्ट में लगातार इस बात को उठा रहा है कि चूंकि कंपनी निवेशकों का पैसा लौटा चुकी है। इसलिये उसे सेबी के पास जमा रकम को लौटाने का आदेश जारी किया जाये।
जैसा कि हमनें आपको ऊपर बताया कि सहारा समूह ने सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोशन तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन की जमा योजनाओं में जमा धन को निवेशकों के धन को वापस लौटाने के बजाये क्यू शॉप नाम की नई कंपनी खोल कर नये Fix Deposit Bonds में बदल दिया था।
अर्थात निवेशकों को किसी प्रकार की कोई नकद रकम सहारा परिवार की ओर से नहीं दी गयी थी। निवेशकों के हाथ सिर्फ Q – SHOP Bond लगा था। यह बांड 5 साल 6 माह की अवधि में परिपक्व होने थे। यह अवधि बीत चुकी है। क्यू शॉप बांड परिपक्व भी हो चुके हैं। लेकिन इन क्यू शॉप बांड का पैसा भी अभी सहारा ने आम निवेशकों को नहीं लौटाया है।
इसलिये आप यह कह सकते हैं कि रियल इस्टेट बांड तथा सहारा हाउसिंग की जमा योजनाओं का धन सहारा ने अपने स्तर से जनवरी 2023 तक भी अपने निवेशकों को लौटाया नहीं है।
दोस्तों, चूंकि सहारा समूह इस समय भुगतान संकट से जूझ रहा है। इसलिये 2012 में रियल इस्टेट बांड को क्यू शॉप बांड में जारी किया गया था। जिसका भुगतान सहारा इंडिया परिवार ने परिपक्वता अवधि बीत जाने के बाद भी नहीं किया है।
बल्कि इस रकम को अगले 5 साल में 2 गुना करने का लालच देकर पुन: अपनी फिक्स डिपाजिट स्कीम में बांड के रूप में जमा करवा लिया है।
तथ्य को आप आप इस तरह समझिये। सहारा सेबी विवाद शुरू = सेबी ने पैसा निवेशकों का पैसा लौटाने के लिये रकम की मांग की = सहारा ने रकम देने से इंकार किया = मामला कोर्ट में गया = कोर्ट ने सहारा को 24,000 करोड़ रूपये सेबी के खाते में जमा करने का आदेश दिया = सहारा ने रकम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी के खाते में जमा कर दी + पलटवार करते हुये सहारा ने रियल इस्टेट बांड तथा सहारा हाउसिंग की जमा योजनाओं में जमा धन को Q – SHOP बांड में तब्दील कर निवेशकों को भुगतान का भरोसा दिलाया = कोर्ट में सहारा ने कहा कि उसने निवेशकों का धन लौटा दिया है इसलिये सेबी के खाते में जमा धन उसे वापस लौटा दिया जाये + मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है = Q – SHOP बांड परिपक्व हो गये पर सहारा ने निवेशकों को पैसा नहीं लौटाया + Q – SHOP बांड मैच्योर होने के बाद उन्हें भी लालच देकर अगले 5 साल के लिये Fix Deposit में बदल दिया = नतीजा यह हुआ कि 10 साल बीत जाने के बाद भी लोगों को उनका पैसा अब तक नहीं मिल पाया है।
जी नहीं, इस समय हालात बहुत बुरे हैं। सहारा समूह के द्धारा दर्जनों की संख्या में बचत योजनायें चलाई जा रही है। इन योजनाओं में जो आम निवेशक अपना पैसा जमा करते हैं, उनका भुगतान भी सहारा समूह के द्धारा पिछले 5 वर्ष से नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से निवेशक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
किसी को नहीं मालूम कि Sahara Ka Paisa Kab Tak Milega चूंकि सहारा अब लोगों का भरोसा खोती जा रही है। इसलिये आम लोग इस कंपनी में नये खाते नहीं खुलवा रहे हैं। निवेशकों का साफ कहना है, कि जब खातों का भुगतान ही नहीं हो रहा तो वह नया पैसा क्यों फंसायें?
सहारा समूह के द्धारा संचालित बचत योजनाओं में समाज के निचले तबके यानि आर्थिक रूप से कमजोर तबके का पैसा ही अधिक मात्रा में जमा होता है। इसलिये सहारा सेबी विवाद की सबसे ज्यादा मार इसी गरीब तबके पर पड़ी है।
गरीब निवेशक सहारा में जमा रकम का उपयोग न तो घर मकान आदि बनाने में कर पा रहे हैं और न ही लड़कियों की शादियां कर पा रहे हैं। जब भी निवेशक अपने सहारा ऐजेंट अथवा शहर में मौजूद शाखा प्रबंधक से भुगतान की मांग करते हैं, तो उन्हें आश्वासन देकर टरका दिया जाता है।
सहारा में जमा रकम का भुगतान ऐजेंटों के माध्यम से ही किया जाता है। चूंकि सहारा सेबी विवाद की वजह से कंपनी की कमर टूट चुकी है। इसलिये सहारा के ऐजेंट पैसा तो जमा कर रहे हैं, लेकिन भुगतान कराने में हाथ खड़े कर रहे हैं।
कुछ ऐजेंट ईमानदार है, उन्हें अपने खाताधारकों का दर्द पता है। वह उनसे सहानुभूति भी रखते हैं। वह भी अपने खाताधारकों को भुगतान नहीं दिलवा पर रहे हैं।
वहीं सहारा के कुछ ऐजेंट अपने खाता धारकों के साथ अभद्र व्यवहार भी कर रहे हैं तथा भुगतान संबंधी कार्यों में तनिक भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिसके सीधे तौर पर सहारा इंडिया परिवार का प्रशासन और सहारा श्री सुब्रत राय सहारा ही जिम्मेदार हैं।
कंपनी और ऐजेंटों के इसी रूख के कारण सहारा की साख पर पूरी तरह से बटटा लग चुका है। चूंकि निवेशक गरीब तबके से हैं, इसलिये सहारा के ऐजेंटों तथा कंपनी पर किसी प्रकार का मामला दर्ज कराने से बच रहे हैं।
सहारा इंडिया की बचत योजनाओं के क्षेत्र में काम कर रहे ऐजेंटों के मोबाइल नंबर सहारा की आपके शहर में मौजूद Branch में शाखा प्रबंधक से मिल कर प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा आप स्वयं ऐजेंट के घर जाकर उसका फोन नंबर हासिल कर सकते हैं।
यदि आप अपने राज्य में, अपने जिले की किसी तहसील में स्थित सहारा इंडिया बैंक ब्रांच का Addressपता करना चाहते हैं, तो इसके लिये आपको अपने एजेंट से संपर्क करना होगा। सहारा अपनी ब्रांचों की List ऑनलाइन मोड में कभी भी प्रकाशित नहीं करती है।
यदि आप Sahara India Customer Care Number हासिल करना चाहते हैं, तो यह आपको कहीं से भी उपलब्ध नहीं हो सकता है। सहारा चिटफंड कंपनी का कोई Customer Care Number मौजूद नहीं है। इसलिये आपको समस्या के निराकरण के लिये एजेंट अथवा शाखा में जाकर मैनेजर से बात करनी पड़ेगी।
यदि आप सहारा इंडिया कंपनी से कांटेक्ट करना चाहते हैं तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करके कुछ जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
यदि सहारा में जमा धन का भुगतान नहीं हो रहा है तो आप निम्न कदमों को उठा सकते हैं –
यदि आप सहारा चिटफंड कंपनी के खातेदार हैं, तो आप अपने एजेंट से Account Statement की डिमांड करें। या स्वयं जाकर शाखा से Account Statement प्राप्त करें। इस अकाउंट स्टेटमेंट के जरिये आपको पता चल सकता है कि आपके खाते में कितने पैसे जमा हैं।
सहारा इंडिया में जमा पैसा वापस पाने के लिये क्या जनहित याचिका लगाई जा सकती है?
जनहित याचिका दायर की जा सकती है। लेकिन इसके लिये निवेशकों के समूह के द्धारा याचिका दायर की जानी चाहिये। तथी कोर्ट आपकी याचिका को गंभीरता से लेगा।
वर्तमान परिस्थितियों में सहारा से पेमेंट लेना एक दुष्कर कार्य है। यदि आप कोर्ट की शरण में जाते हैं, तो पैसा वापस मिल सकता है। पर इसमें कितना समय लगेगा आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं। इसलिये बेहतर होगा कि आप अन्य विकल्पों पर विचार करें।
भुगतान न होने के चलते आम गरीब निवेशक सहारा, सेबी तथा रिजर्व बैंक की कार्यप्रणाली पर गंभीर किस्म के आरोप लगा रहा है। गरीब निवेशकों को स्पष्ट मत है कि गरीब तबके का निवेशक होने के कारण सेबी तथा रिजर्व बैंक उनक पैसा वापस दिलवाने में जानबूझ कर देरी कर रहा है।
असल में सहारा सेबी विवाद के बीच गरीब व रोज खाने कमाने वाला निवेशक बुरी तरह पिस गया है। सहारा कंपनी भी विवाद निपटाने के लिये कानूनी रास्ते अपना रही है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि कानूनी प्रक्रिया हमारे देश में बहुत धीमी रफतार से चलती है। इसलिये इस मामले को निपटाते निपटाते सालें बीत जाएंगी और निवेशकों को उनका जमा धन वापस नहीं मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर सहारा पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा होता है, जब अन्य योजनाओं में जमा धन पर कोई रोक नहीं है, तो फिर सहारा उन योजनाओं का भुगतान क्यों नहीं कर रही है? क्यों सहारा प्रत्येक योजना भुगतान 2011 में बंद की गयी योजनाओं के मामले से जोड़ रही है?
सहारा का यही दोहरा चरित्र उसे कटघरे में खड़ा कर रहा है। जिन योजनाओं पर सेबी व कोर्ट ने रोक लगाई है, उन योजनाओं को छोड़ कर बाकी अन्य योजनाओं का पैसा निवेशकों को देने में कंपनी आनाकानी क्यों कर रही है?
बिहार में कुछ समय पहले वित्त निदेशालय, वित्त विभाग, बिहार सरकार के द्धारा एक विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। जो व्यक्ति सहारा समूह समूह के द्धारा किये जाने वाले भुगतान के संबंध में अपना पक्ष रखना चााहते हैं। वह नियमानुसार रख सकते हैं।
जी हां, सहारा का पैसा कब मिलेगा के संबंध में कुछ YouTubers लगातार सहारा कंपनी के लेटेस्ट समाचारों से संबंधित वीडियो कंटेंट प्रकाशित कर रहे हैं। जिससे खिन्न होकर शोषण कारी व निवेशकों का पैसा दबा कर बैठी कंपनी ने YouTubers को लीगल नोटिस भेज कर दबाव बनाने की कोशिश की है। इस कदम की निवेशक कड़े शब्दों में निंदा कर रहे हैं और माननीय सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करते हैं कि शोषण पर आमादा सहारा व सुब्रत राय सहारा पर तुरंत स्वत: संज्ञान लेकर निवेशकों को राहत पहुंचाने का काम करे।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट Sahara India Payment Kab Hoga यदि आप Sahara Ka Bhugtan Kaise Karaye Sahara Bhugtan 2023 Sahara Ka Paisa Kab Milega 2023 Sahara Ka Paisa Kab Tak Milega Sahara Sebi News Sahara India Latest News Today in Hindi Sahara India News Sahara India Bank से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
This post was last modified on October 22, 2023
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