URDU LANGUAGE DIPLOMA COURSE | ONE YEAR DIPLOMA COURSE IN URDU LANGUAGE | URDU STUDY CENTRE | GRANT FOR NGOS 2019 | उर्दू स्टडी सेंटर खोलने के लिये सरकारी सहायता |
देश में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार के द्धारा पोषित अनेक योजनायें चलाई जा रही हैं।
इन योजनाओं का संचालन मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा National Council for Promotion of Urdu Language के द्धारा पिछले कई सालों से किया जा रहा है।
भारत मे उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिये अल्पसंख्यक संस्थाओं को URDU LANGUAGE DIPLOMA COURSE संचालित करने तथा उर्दू स्टडी सेंटर स्थापित करने के लिये सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
इस योजना के तहत देश भर की अल्पसंख्यक संस्थाओं से हर साल आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं।
हर साल की तरह 2019 में भी आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाएंगे। यदि आप अपने शहर में URDU STUDY CENTRE खोल कर एक वर्षीय उर्दू डिप्लोमा कोर्स चलाना और उसके लिये उर्दू कौंसिल से सरकारी सहायता पाना चाहते हैं।
तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें। आज के इस लेख में आपको URDU STUDY CENTRE स्थापित करने और उसके लिये सरकारी सहायता पाने का पूरा तरीका विस्तार से बताया जाएगा।
National Council for Promotion of Urdu Language दूरस्त शिक्षा के माध्यम से ONE YEAR DIPLOMA COURSE IN URDU LANGUAGE चला रही है।
इस योजना का मकसद देश में उर्दू भाषा को बढ़ावा देना है। यह कोर्स देश भर में स्थापित स्टडी सेंटर्स के द्धारा चलाया जाता है। जिसके लिये उर्दू कौंसिल उर्दू स्डडी सेंटर स्थापित करने वाले संस्थानों को सरकारी सहायता प्रदान करती है।
इस प्रकार के सभी उर्दू केंद्र मान्यता प्राप्त होते हैं और इनको स्थापित करने का काम स्वयंसेवी संस्थाओं / मदरसों तथा सोसाइटियों का होता है।
उर्दू स्टडी सेंटर स्थापित करने के लिये आवेदन करने वाली संस्था सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत होनी चाहिए। तथा वह 3 साल से लगातार अपने क्षेत्र में कार्यरत होनी चाहिए।
इस योजना के तहत आवेदन करनी वाली संस्था का पंजीकरण नीति आयोग के NGO DARPAN PORTAL पर पंजीकृत होना आवश्यक है।
आवेदन करने वाली संस्था का क्षैक्षणिक गतिविधियों से लगातार जुड़ी होनी आवश्यक है।
(1) संस्था के पास पाठयक्रम चलाने अथवा पढ़ाने के लिये कम से कम 37.5 वर्ग मीटर की जगह होना जरूरी है।
(2) ONE YEAR DIPLOMA COURSE IN URDU LANGUAGE के लिये Class Room में कम से कम 25 टेबल तथा कुर्सियों का होना अत्यंत आवश्यक है।
(3) स्टडी सेंटर तथा कार्यालय में रोशनी आदि का प्रबंध होना चाहिए।
(4) लड़के तथा लड़कियों के लिये अलग अलग शौचालयों का होना बेहद जरूरी है।
(5) जिस जगह डिप्लोमा कोर्स का संचालन किया जाएगा वहां पीने के पानी की उचित व्यवस्था होना जरूरी है।
(6) कक्षा में शिक्षक के बैठने का स्थान तथा कुर्सी का होना जरूरी है।
(7) कक्षा में व्हाइट बोर्ड अथवा ब्लैक बोर्ड तथा चॉक आदि का प्रबंध होना जरूरी है।
(8) सबसे जरूरी चीज कि जिस संस्था को ONE YEAR DIPLOMA COURSE IN URDU LANGUAGE की अनुमति प्रदान की जाए, उसको अपने स्टडी सेंटर के बाहर एक साइन बोर्ड जिसका साइज 4 X 6 हो, उस पर URDU STUDY CENTRE की मान्यता संबंधी विवरण NCPUL को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा।
उपरोक्त सभी सुविधाओं के लिये उर्दू कौंसिल किसी भी प्रकार के व्यय का भुगतान आपकी संस्था को नहीं करेगी।
(1) इन स्टडी सेंटर्स में कोर्स की शुरूआत प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से होती है।
(2) इस डिप्लोमा कोर्स को 3 भागों में बांटा जाता है।
(3) पहले भाग में उर्दू लिपि को हिंदी तथा अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसके कुल 20 पाठ होते हैं।
(4) दूसरे भाग में आसान उर्दू व्याकरण तथा समझ के पाठ मौजूद हैं। इस भाग में कुल 27 पाठों के आधार पर 4 कार्यो को पूरा किया जाता है।
(5) तीसरे व अंतिम भाग में सरल उर्दू साहित्य गद्ध तथा कविता के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें गद्ध के 28 पाठ तथा कविता के 15 पाठ होते हैं। जिसके लिये कुल 2 कार्य पूरे करने होते हैं।
(6) इस कोर्स के तहत मूल्यांकन 12 असाइनमेंट के आधार पर किया जाता है।
(7) कोर्स पूरा हो जाने के बात सत्र के अंत में 1 लिखित परीक्षा संस्था के द्धारा आयोजित कराई जाती है।
(8) परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षार्थियों को डिप्लोमा प्रदान कर दिया जाता है। लेकिन यह डिप्लोमा उन्हीं को दिया जाता है, जिन्होंनें 12 असाइनमेंट पूरे किये हों और लिखित परीक्षा पास की हो।
(9) इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष व्यक्तिगत शिक्षार्थियों को लिखित परीक्षा से छूट भी प्रदान की जाती है।
(1) इस कोर्स को वही शिक्षक पढ़ाने के योग्य मानें जाएंगे। जिन्होंने स्नातक स्तर पर उर्दू को एक विषय के रूप में लिया हो।
(2) इसके अलावा किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से समकक्ष हिंदी व अंग्रेजी विषय में परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
(3) उर्दू स्टडी सेंटर में शिक्षक को एक सप्ताह में 60 मिनट की 3 कक्षाएं अनिवार्य रूप से लेनी होंगीं।
(4) कोर्स को पढ़ाने वाला शिक्षक ही शिक्षार्थियों का मूल्यांकन करेगा और उसके आंकड़े NCPUL को भेजेगा।
(5) शिक्षक अपनी कक्षा के लिये एक उपस्थिति रजिस्टर बनाएगा और उसमें प्रतिदिन छात्र छात्राओं की उपस्थिति दर्ज करेगा। ताकि NCPUL के जांच अधिकारी इस रजिस्टर का निरीक्षण कर सकें।
(6) उर्दू टीचर छात्रो और उनकी गतिविधियों का पत्रक तैयार करेगा और उनका रिकार्ड अपने पास रखेगा।
उर्दू भाषा डिप्लोमा कोर्स संचालित करने के लिये स्टडी सेंटर को प्रति छात्र 200 रूपये का शुल्क NCPUL को देना होगा। व्यक्तिगत शिक्षार्थियों के लिये यह शुल्क 350 रूपये प्रति छात्र निर्धारित है।
(1) उर्दू भाषा में रूचि रखने वाले लोग जो हिंदी व अंग्रेजी भाषा लिख पढ़ सकते हैं, उन्हें इस कोर्स में आसानी से प्रवेश मिलता है।
(2) इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिये छात्र छात्रा का 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना बेहद जरूरी होता है।
(3) इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिये आयु सीमा की बाध्यता नहीं है। इसलिये किसी भी आयु वर्ग का व्यक्ति इसमें प्रवेश ले सकता है।
उर्दू भाषा डिप्लोमा कोर्स के लिये उर्दू स्टडी सेंटर चलाने वाले अल्पसंख्यक संस्थान को 25 से 75 छात्रों के लिये 1 शिक्षक रखना जरूरी होता है।
75 से अधिक छात्र छात्राओं के लिये 2 शिक्षक नियुक्त किये जाते हैं।
इन शिक्षकों के मानदेय भुगतान के लिये National Council for Promotion of Urdu Language के द्धारा 4000 रूपये प्रतिमाह की धनराशि प्रति शिक्षक प्रदान की जाती है।
इसके अलावा अल्पसंख्यक संस्था को चार्टड एकाउंटेंट की फीस, हैंडलिंग चार्ज, बिजली, फोन, पानी बिल, स्टेशनरी तथा डाक खर्च आदि के लिये प्रतिमाह 700 रूपये प्रदान किये जाते हैं।
यदि आपकी संस्था उर्दू स्टडी सेंटर खोलने तथा उसमें उर्दू भाषा डिप्लोमा कोर्स संचालित करना चाहती है। तो आपको सबसे पहले अपनी संस्था का रजिस्ट्रेशन एनजीओ दर्पण पोर्टल पर कराना होगा।
इसके बाद आप अपना ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन फार्म भर कर NCPUL में सबमिट करेंगें। जिसके बाद आपके आवेदन पत्र की जांच की जाएगी।
यदि आपकी संस्था निर्धारित मानको पर खरी उतरती है, तो आपको अपने शहर में ONE YEAR DIPLOMA COURSE IN URDU LANGUAGE पाठयक्रम संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी।
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This post was last modified on June 5, 2021
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