GST FAQ in Hindi – जीएसटी 2024 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

What is GST FAQ in Hindi : जीएसटी क्‍या है? जीएसटी को हम कैसे समझें : जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में व्‍यापर अब GST प्रणाली के तहत संचालित किया जाता है। जीएसटी को अंग्रेजी में Goods And Services Tax कहा जाता है।

इस टैक्‍स को कई पुराने टैक्‍सों को हटा कर रिप्‍लेस किया गया है। भारत सरकार के द्धारा GST को 1 जुलाई सन 2017 में पूरे देश में लागू किया गया था। इस टैक्‍स प्रणाली ने VAT को लगभग पूरी तरह समाप्‍त कर दिया है। अब केवल पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्‍यों के द्धारा VAT वसूल किया जा रहा है।

जीएसटी टैक्‍स प्रणाली का दायरा बहुत विशाल है। इसलिये देश के बड़े शहरों से लेकर गांव देहात तक के व्‍यापारियों को इसे समझने में बहुत दिक्‍कत आती है। क्‍योंकि इसमें नियमों, उपनियमों की भरमार है। साथ ही जीएसटी कांउसिल द्धारा समय समय पर इसमें कई तरह के बदलाव आदि भी किये जाते हैं।

ऐसे में बड़े कारोबारियों से लेकर छोटे शहरों व गांवों / कस्‍बों में छोटा बड़ा व्‍यापार कर रहे व्‍यापारियों के मन में अनेक सवाल उपजते हैं। जिनके उत्‍तर जानने के लिये आपको बहुत मशक्‍कत करनी पड़ती है। आज की इस पोस्‍ट GST FAQ in Hindi | gst act in hindi | जीएसटी नियम हिंदी | को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है, जिससे आपको एक ही स्‍थान पर ज्‍यादा से ज्‍यादा सवालों के जवाब हासिल हो सकें।

GST FAQ – जीएसटी के लागू होने से पहले पुराने सिस्‍टम में क्‍या कमी थी?

GST FAQ जीएसटी से संबंधित अक्‍सर पूछे जाने वाले सवाल
जीएसटी के सवाल और जवाब

GST FAQ in Hindi के तहत हम आपको बताना चाहते हैं कि GST लागू होने से पहले देश के अलग अलग राज्‍यों में अनेक प्रकार के टैक्‍स सिस्‍टम लागू थे। जिसकी वजह से उत्‍पादनकर्ताओं / कारोबारियों को किसी वस्‍तु को बनाने से लेकर उसकी बिक्री तक अनेक प्रकार के टैक्‍सों का भुगतान करना पड़ता था।

  • माल फैक्‍ट्री से निकलने पर – उत्‍पाद शुल्‍क लगता था
  • इसी माल की कई अन्‍य वैरायटी पर – अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Additional Excise Duty) भी लगता था
  • इसी माल की एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य की इंट्री पर – इंट्री टैक्‍स देय होता था
  • इसके बाद अलग अलग चुंगियों पर – चुंगी टैक्‍स अलग से देय था
  • माल बेंचते वक्‍त – Sales Tax अथवा VAT चुकाना पड़ता था
  • कई मामलों में खरीद पर – परचेज़ टैक्‍स देय होता था
  • विलासिता से संबंधित सामान पर – लग्‍जरी शुल्‍क का भुगतान करना होता था
  • इसी सामान को होटल अथवा रेस्‍टोरेंट आदि में उपलब्‍ध कराने पर – सर्विस टैक्‍स देना पड़ता था

इस तरह किसी खास प्रकार की वस्‍तु उत्‍पादन होने पर फैक्‍ट्री से लेकर उपभोक्‍ता के हाथों में पहुंचाने तक विभिन्‍न प्रकारों के टैक्‍स देना पड़ते थे। इसी बात को मददेनजर रखते हुये ही GST को लागू करने की जरूरत महसूस की गयी थी। चूंकि अब देश में जीएसटी कर प्रणाली लागू है, इसलिये पुराने कर स्‍वत: समाप्‍त हो गये हैं।

GST FAQ – नई टैक्‍स प्रणाली में GST कब कब वसूल किया जाता है

जीएसटी टैक्‍स प्रणाली में जब सामान किसी उपभोक्‍ता को बेंचा जाता है, तब उस उपभोक्‍ता से वस्‍तु की अंतिम कीमत में निर्धारित दर का जीएसटी भी शामिल होता है। सेलर उपभोक्‍ता से कर वसूल करने के बाद GST को सरकार के खाते में जमा कर देता है। यहां यह बात ध्‍यान रखने वाली बात है, कि जितनी बार किसी चीज को उपभोक्‍ता को बेंचा जायेगा, उतनी बार सेलर उपभोक्‍ता से कर वसूल करके सरकार के खाते में जमा करने के लिये बाध्‍य होंगें।

बार बार GST लगने से क्‍या उपभोक्‍ता को वस्‍तु जरूरत से ज्‍यादा मंहगी खरीदनी पड़ती है?

कुछ हद तक यह सच है, अंतिम उपभोक्‍ता को जीएसटी के कारण अनेक चरणों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में एक ही वस्‍तु जब अनेक विक्रेताओं से होते हुये अंतिम उपभोगकर्ता उपभोक्‍ता के हाथ में पहुंचती है, तब तक उस वस्‍तु पर अनेक बार GST लग चुका होता है। ऐसे में वस्‍तु सामान्‍य मूल्‍य से अधिक मंहगी हो जाती है।

लेकिन यहां एक पेंच है, उपभोक्‍ता के हाथ में टैक्‍स के कारण महंगी वस्‍तु न पहुंचे इसके लिये जीएसटी में Input Credit System लागू किया गया है। इस सिस्‍टम के तहत अंतिम उपभोक्‍ता के हाथ में वस्‍तु पहुंचने से पहले जहां जहां जीएसटी वसूल किया गया है, उसे वापस पाने की भी व्‍यवस्‍था की गयी है।

यदि किसी व्‍यापारी ने अंतिम उपभोक्‍ता से हाथ में माल पहुंचने से पहले GST जमा किया है, तो उसे वापस भी पाया जा सकता है। यह वापसी क्रेडिटस के रूप में मिलती है, इन क्रेडिटस का इस्‍तेमाल आप सरकार को जीएसटी चुकाने के लिये इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

पैनकार्ड, फर्म के नाम अथवा व्‍यापार के स्‍थान में बदलाव हुआ है तो संशोधित प्रोविजनल आईडी पासवर्ड आने में कितना समय लगता है?

जिन लोगों के पैनकार्ड, फर्म नेम अथवा व्‍यापार के स्‍थान आदि में बदलाव हुआ है, उन्‍हें Updation से संबंधित सभी डाटा GSTN Prov. ID के लिये भेजा जा चुका है। यदि यह अभी तक प्राप्‍त नहीं हुआ है तो GSTN को डाटा भेजने के लिये Request की जा रही है।

प्रोविजनल आईडी पासवर्ड आने के बाद, उन्‍हें लॉगिन करने पर उन्‍हें यह मैसेज आता है कि आपका Prov. ID Card Activate नहीं है, तो क्‍या करें?

यदि आपको प्रोविजनल आईडी, पासवर्ड आने के बाद लॉगिन करने पर बार बार यह मैसेज आ रहा है‍ कि आपका ‘’ Prov. ID Card Activate नहीं है’’ तो आपको इस केस में helpdesk@gst.gov.in पर फारवर्ड करते हुये cc: Praveen.kumar@gst.gov.in , kp.verma@gst.gov.in , ctithqlu-up@nic.in पर भेजें। आपकी समस्‍या का निदान कर दिया जायेगा।

ऐसे व्‍यापारी जिनका पैनकार्ड विवरण सही है, लेकिन फिर भी Invalid Pan Show कर रहा है, तो ऐसे मामले में क्‍या करना चाहिये?

पैनकार्ड विवरण सही होने पर भी यदि Invalid Pan का नोटिस आ रहा है, तो ऐसी दशा में संबंधित शिकायत आपको helpdesk[एट]gst.gov.in पर फारवर्ड करते हुये cc: Praveen.kumar[एट]gst.gov.in , kp.verma@gst.gov.in , ctithqlu-up@nic.in पर भेजनी होगी। आपकी समस्‍या का निदान कर दिया जायेगा।

GST FAQs – जीएसटी के तहत New Registration कैसे मिलता है?

25-06-2017 से GST Portal पर नये पंजीयन किये जा रहे हैं। ऐसे में यदि आपको New GSTIN चाहिये तो आप इस पोर्टल पर Registration के लिये Apply करके नया जीएसटीएन पंजीयन नंबर पा सकते हैं।

यदि किसी वजह से ARN जेनरेट नहीं हो पाया है, तो जीएसटी सिस्‍टम के तहत बिलिंग कैसे होगी?

जीएसटी सिस्‍टम के तहत करदाता को उपलब्‍ध करायी जा चुकी प्रोविजनल आइडी ही GSTIN है, आप इसके आधार पर बिलिंग कर सकते हैं।

क्‍या जीएसटी पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन के लिये किसी प्रकार का शुल्‍क / प्रभार आदि चुकाना पड़ता है?

जी नहीं, GST Portal पर Online GSTIN Registration के लिये किसी प्रकार की कोई फीस निर्धारित नहीं है।

अस्‍थायी GSTIN ID Format क्‍या है?

करदाताओं की सुविधा के लिये अस्‍थायी GSTIN ID Format ऊपर इमेज के अनुसार होगा। अस्‍थायी जीएसटी आईडी फार्मेट में उपरोक्‍त सूचनायें प्रदर्शित की जायेंगी।

GST FAQ – GSTIN में पंजीकरण के लिये कौन कौन से Documents की जरूरत पड़ती है?

जीएसटी पोर्टल में स्‍थायी जीएसटीएन से पहले हमें GST Common Portal पर Enrol करने के लिये निम्‍न दस्‍तावेजों की जरूरत पड़ती है

  • राज्‍य / केंद्रीय संस्‍था द्धारा निर्गत प्रोविजनल आईडी
  • राज्‍य / केंद्रीय संस्‍था द्धारा निर्गत पासवर्ड
  • आपका स्‍वयं का ईमेल एड्रेस
  • वैलिड मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता संख्‍या
  • बैंक आईएसएससी कोड
  • पार्टनरशिप फर्म होने की दशा में – पार्टनरशिप डीड
  • व्‍यापार का पंजीकरण प्रमाण पत्र
  • प्रमोटर्स / साझेदार / कर्ता ऑफ HUF का रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो
  • सक्षम संस्‍था द्धारा निर्गत नियुक्ति का प्रमाणपत्र
  • बैंक खाता पासबुक की फोटो कॉपी IFSC कोड सहित

GSTIN Enrollment करने के बाद मुझे User Name व पासवर्ड प्राप्‍त नहीं हुआ, ऐसे में मुझे क्‍या करना चाहिये?

यदि आपको GSTIN Enrollment करने पर भी User Name व पासवर्ड प्राप्‍त नहीं हुआ है, तो आपको तुरंत अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित राज्‍य / केंद्र सरकार के प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। यह प्राधिकारी आपको अपना यूजर नेम व पासवर्ड आदि दिलाने में सहयोग प्रदान करेंगें।

क्‍या जीएसटी पंजीकरण कराते समय अपने कर सलाहकार का मोबाइल नंबर तथा ईमेल एड्रेस देना सही है?

जी नहीं, ऐसा करना किसी भी सूरत में उचित नहीं है और जीएसटी नियमावली में उल्‍लेखित नियमों का उल्‍लंघन भी है। इसलिये आपको GST Registration कराते समय आपको अपना अथवा अपने द्धारा अधिकृत प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता का ईमेल एड्रेस तथा मोबाइल नंबर ही देना चाहिये। ऐसा करने से भविष्‍य में जीएसटी पोर्टल के द्धारा सभी नोटिस पंजीकृत मोबाइल नंबर तथा ईमेल एड्रेस पर ही भेजे जायेंगें।

GST FAQs – जीएसटीएन के लिये प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता क्‍या होता है?

यह एक बड़ा सवाल है, इसे सारे कारोबारियों को समझना जरूरी है। एक प्राथ‍मिक हस्‍ताक्षरकर्ता वह व्‍यक्ति होता है, जो करदाता के लिये प्राथमिक रूप से GST System पर करदाता की ओर से कार्यवाही करने के लिये उत्‍तरदायी होता है। करदाता से संबंधित सभी सूचनायें जीएसटी पोर्टल पर इसी व्‍यक्ति के द्धारा सबमिट की जाती हैं।

GSTIN Portal के लिये प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता कौन हो सकता है?

GST FAQ in Hindi के इस चरण में हम आपको बताते हैं कि स्‍वामित्‍व के संबंध में स्‍वयं मालिक अथवा मालिक की ओर से कोई अन्‍य प्राधिकृत व्‍यक्ति / कंपनी / एल.एल.पी. / सोसाइटी / ट्रस्‍ट के संबंध में बोर्ड अथवा गर्वनिंग बॉडी द्धारा प्राधिकृत व्‍यक्ति प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता के रूप में काम कर सकता है।

प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता नियुक्‍त करने के लिये हमें क्‍या करना पड़ता है?

यदि आप अपने कारोबार के लिये प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षर कर्ता नियुक्‍त करना चाहते हैं तो इसके लिये आपको प्राधिकार पत्र तैयार करना होगा तथा इसकी कॉपी को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना होगी।

इसके अलावा किसी एक कमर्शियल ईकाई के लिये एक से ज्‍यादा प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता की स्थिति में किसी एक प्राधिकृत हस्‍ताक्षर कर्ता में से 1 व्‍यक्ति को प्राथमिक हस्‍ताक्षरकर्ता बनाया जाता है व उस व्‍यक्ति का मोबाइल नंबर तथा ईमेल एड्रेस GSTIN Registration के समय उपलब्‍ध कराना पड़ता है।

किसी एक कमर्शियल ईकाई में केवल एक ही प्राधिकृत हस्‍ताक्षर कर्ता है, तो ऐसी सूरत में उसे ही प्राथमिक प्राधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ता मान लिया जाता है।

जीएसटी पोर्टल पर काम करते समय आने वाला OTP कितने समय तक वैध रहता है?

जीएसटी पोर्टल पर काम करते समय जो OTP आपके रजिस्‍टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है, वह 15 मिनट के लिये वैध रहता है। इसके बाद आप उस ओटीपी का प्रयोग नहीं कर पायेंगें।

यदि GST Login के समय OTP नहीं आ रहा है, तो क्‍या करें?

GST Login के समय OTP प्राप्‍त न होने की स्थिति में Resend OTP पर Click करके दोबारा मांग सकते हैं।

क्‍या जीएसटी इनरॉलमेंट के समय हम अपने लीगल नेम, राज्‍य का नाम तथा पैन कार्ड में परिवर्तन कर सकते हैं?

जी नहीं, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, यह सभी डाटा केंद्र सरकार अथवा राज्‍य सरकार के पूर्ववर्ती टैक्‍स सिस्‍टम से लिये जाते हैं। इसलिये इनमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।

एक कारोबारी अपने केंद्रीय अधिकार क्षेत्र का पता कैसे लगा सकता है?

ऐसे कारोबारी जो केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क में पंजीकृत हैं वह अपने केंद्रीय अधिकार क्षेत्र का पता लगाने के लिये अपना रजिस्‍ट्रेशन सार्टिफिकेट देखें।

DIN क्‍या होता है?

DIN का Full Form – Director Identification Number होता है। इसे किसी कंपनी के डायरेक्‍टर को Ministry of Corporate Affairs के द्धारा प्रदान किया जाता है। यदि आप अपना DIN Number जानना चाहते हैं तो इसके लिये आपको अपना DIN एलॉटमेंट लेटर देखना होगा। इसे DIN Online Check करने के लिये आप MCA पोर्टल पर भी जा सकते हैं।

GST FAQ – GST 2024 के तहत व्‍यवसाय का मुख्‍य स्‍थान क्‍या है?

GST FAQ – GST 2024 के तहत व्‍यवसाय का मुख्‍य स्‍थान किसी State के अंदर वह प्राथमिक स्‍थान होता है, जहां पर करदाता के व्‍यवसाय का संचालन किया जाता है। इस जगह पर व्‍यवसाय से संबंधित लेखा पुस्‍तकें व कारोबारी डाटा को रखा जाता है।

GST Portal पर पंजीकरण कराते समय कितने बैंक खाते जोड़े जा सकते हैं?

GST Portal पर पंजीकरण कराते समय कारोबारी अधिक से अधिक 10 बैंक खाते जोड़ सकते हैं।

जीएसटी नामांकन के समय क्‍या DSC देना अनिवार्य है?

DSC को कंपनी / लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप / विदेशी कंपनी तथा विदेशी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के लिये अनिवार्य किया गया है। इसलिये यह अन्‍य करदाताओं के लिये अनिवार्य नहीं है।

GST FAQ – जीएसटी E-Sign क्‍या होता है?

GST E-Sign का मतलब इलेक्ट्रिोनिक सिग्‍नेचर होता है। यह E-Sign आपको दस्‍तावेजों में डिजिटल हस्‍तक्षर करने की सुविधा प्रदान करता है।

GST E-Sign Kaise Banaye – ई-साइन बनाने के लिये क्‍या करना पड़ता है? GST FAQ

यदि आप जीएसटी करदाता हैं और अपने लिये E-Sign तैयार करना चाहते हैं तो इसके लिये आपको जीएसटी पोर्टल पर E-Sign के विकल्‍प पर Click करना होगा।

  • इसके बाद जीएसटी सिस्‍टम आपको अपना आधार नंबर पुष्टिकरण के लिये बोलेगा। इसलिये आप अपना आधार जीएसटी पोर्टल पर वेरीफाई करें।
  • आधार नंबर वेरीफाई होने के बाद GST Portal UIDAI System को करदाता के पास एक OTP भेजने की Request करेगा।
  • इसके बाद जीएसटी करदाता के रजिस्‍टर्ड ईमेल एड्रेस तथा मोबाइल नंबर पर एक OTP आयेगा जिसे आपको जीएसटी पोर्टल पर Enter करना होगा।
  • आपके द्धारा ओटीपी इंटर करते ही जीएसटी पोर्टल आपकी प्रवष्टि पूरी करेगा और ई साइन दस्‍तावेज जमा कर लेगा।
  • इतना करते ही आपके द्धारा GST E-Sign बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।

क्‍या जीएसटी पंजीकरण के समय दिया गया मोबाइल नंबर तथा ईमेल एड्रेस को संशोधित अथवा Change किया जा सकता है?

जी हां आप ऐसा कर सकते हैं। जीएसटी पोर्टल में संशोधन सेक्‍शन दिया गया है। यदि आप कुछ समय के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर के स्‍थान पर कोई दूसरा मोबाइल नंबर दर्ज कराना चाहते हैं तो बेशक आप ऐसा कर सकते हैं।

CGST – सेन्ट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कैसे दिया जाता है?

यदि कोई लेन-देन एक ही राज्य के 2 कारोबारियों के बीच हो रहा हो तो केंद्र सरकार को हिस्से के रूप में CGST को चुकाना पड़ता है।

क्‍या TGST/UGST: यूनियन टेरेटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के तहत केंद्र सरकार को उसके हिस्‍से का कर देना होता है?

जी हां, यदि व्‍यापार संबंधी लेन देन यूनियन टेरेटरी के कारो‍बारियों के बीच हो रहा है, तो भी केंद्र सरकार के हिस्‍से का जीएसटी देय होता है।

GST में कैजुअल टैक्सेबल पर्सन क्या होता है? GST FAQs 2024

भारत में कुछ कारोबारी ऐसे भी हैं, जो अपना व्‍यापार किसी एक निश्चित स्‍थान पर न रह कर देश के अलग अलग कोने में जाकर करते हैं। ऐसे कारोबारियों में व्‍यापार मेलों, प्रदर्शिनियों आदि में देखा जा सकता है। कुछ कारोबारी व्‍यक्तिगत संपर्कों के आधार पर एक निश्चित स्‍थान पर टिकने के बजाये अलग अलग शहरों से अपने व्‍यापार को अंजाम देते हैं। इन्‍हीं कारोबारियों को ध्‍यान में रखते हुये GST Act में कैजुअल टैक्सेबल पर्सन नाम की श्रेणीं बनायी गयी है। इस केटेगरी में इस प्रकार के कारो‍बारियों को रखा जाता है।

जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?

1 – CGST – यह कर केंद्र सरकार के हिस्‍से में भेजा जाता है।

2 – SGST – यह कर राज्‍य सरकार के हिस्‍से के रूप में जमा किया जाता है।

3 – UGST / UTGST – यह कर केंद्र शासित प्रदेशों के हिस्‍से के रूप में जमा किया जाता है।

4 – IGST – यह कर केंद्र तथा राज्‍य सरकारों के हिस्‍से को मिला कर बनता है।

GST Rate कौन तय करता है?

जीएसटी रेट तय करने का अधिकार जीएसटी काउंसिल को दिया गया है।

जीएसटी परिषद के पहले अध्‍यक्ष कौन थे?

पूर्व वित्‍तमंत्री अरूण जेटली जीएसटी परिषद के प्रथम अध्‍यक्ष बनाये गये थे।

भारत में जीएसटी का जनक कौन है?

भारत में GST का जनक अटल बिहारी बाजपेयी को माना जाता है। लेकिन इसे मोदी सरकार में लागू किया गया था इसलिये प्रधानमंत्री मोदी को जीएसटी के पिता के रूप में भी जाना जाता है।

GST FAQ – भारत में जीएसटी की शुरूआत कब हुई?

भारत में GST की शुरूआत 1 जुलाई 2017 को हुई थी। जब मोदी सरकार ने इसे एक देश एक कर के रूप में इस एक्‍ट को लागू किया था।

GSTIN बनवाने में कितना खर्च आता है?

यदि आप सेल्‍फ जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन कर रहे हैं, तो यह पूरी प्रक्रिया निशुल्‍क होगी। आपको किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं देना होगा। लेकिन यदि आप CA अथवा आईटी फर्म की सहायता ले रहे हैं तो वह GSTIN बना कर देने के‍ लिये 1000 – 1200 रूपये चार्ज कर सकता है।

तो दोस्‍तों यह थी हमारी आज की पोस्‍ट GST FAQ in Hindiजीएसटी 2024 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल यदि आप जीएसटी लाभ और हानि / जीएसटी पंजीकरण आदि के विषय में कोई अन्‍य प्रश्‍न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्‍स के जरिये पूछ सकते हैं। आपके प्रश्‍नों का समय समय पर उत्‍तर देकर शंकाओं का समाधान किया जायेगा।

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