Purani Pension Yojana Kab Lagu Hogi : आज की इस महत्वपूर्णं पोस्ट में हम देश के अलग अलग राज्यों में पुरानी पेंशन योजना कब लागू होगी इस बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं।
वर्ष 2022 की शुरूआत से ही राजनैतिक हलकों में Purani Pension Yojana (OPS) 2023 को लेकर चुनावी वादे किये जा रहे हैं। जिन दलों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की दिशा में अपना रोड मैप जारी किया है, राजनैतिक विरोध के चलते उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं।
लेकिन पिछले दिनों राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य का बजट पेश करते हुये राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू करने की घोषणा करके सबको चौंका दिया। इसके लिये उन्होंनें राज्य के बजट में भी राशि का प्रावधान कर दिया है।
आज हम आपको सरकारी कर्मचारियों को Purani Pension Yojana Ka Labh Kab Milega | Purani Pension Yojana UP | Purani Pension Yojana Uttar Pradesh | Old Pension Scheme | Purani Pension Scheme आदि के बारे में Step by Step जानकारी देंगें।
साल 2005 में देश की मनमोहन सिंह सरकार ने Old Pension Scheme को बंद करके नई अंशदायी पेंशन योजना लागू कर दी थी। पहले सरकारी कर्मचारियों को लगा कि नई पेंशन योजना, पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा फायेदमंद होगी।
लेकिन जल्दी ही सरकारी कर्मचारियों का यह भ्रम टूट गया और वह पुन: Purani Pension Yojana की मांग करने लगे। असल में नई पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिये अपने वेतन से खुद पैसा कटवाना पड़ता है। जिससे उन्हें बड़ा नुकसान होता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंझे हुये राजनैतिज्ञ की तरह व्यवहार करते हुये बजट 2022 को पेश करते हुये बड़ा राजनैतिक निशाना साधते हुये अपने राजनैतिज्ञ विरोधियों पर बढ़त हासिल कर ली।
उनके इस कदम के ठीक पहले पुरानी पेंशन बहाली का चुनावी वादा अखिलेश सिंह यादव ने करके अपने राजनैतिक विरोधियों को पशोपेश में डाल रखा था। जिसको लेकर बीजेपी अखिलेश यादव पर हमलावर हो रही थी। साथ ही सवाल पूछ रही थी कि अखिर कैसे अखिलेश सिंह यादव Purani Pension Yojana लागू करेंगें।
लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मास्टर स्ट्रोक से भारतीय जनता पार्टी हतप्रभ है। उसे अब लगने लगा है कि जिस प्रकार राजस्थान में सरकार अपने खर्चे पर पुरानी पेंशन योजना देगी ठीक उसी प्रकार अब उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश सिंह यादव सरकारी कर्मचारियों को Old Pension Scheme का लाभ दे सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश सिंह यादव ने सरकार बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना पुन: बहाल करने का भरोसा दिया है। उन्हें इस मुददे को समाजवादी पार्टी के वचन पत्र में शामिल किया है।
अब जिस प्रकार राजस्थान ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करके देश के सामने रोड मैप रखा है, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले समय में देश के अन्य राज्य भी राजस्थान के नक्शे कदम पर चलते हुये पुरानी पेंशन (OPS) लागू कर सकते हैं। यदि यूपी में सत्ता परिवर्तन होता है तो यहां भी पुरानी पेंशन बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता है।
Purani Pension Yojana Kab Band Hui : पुरानी पेंशन योजना को केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने वर्ष 2005 में बंद कर दिया था। जिसके बाद देश नई पेंशन योजना लागू की गयी थी।
1 – पुरानी पेंशन योजना के तहत GPF की सुविधा प्राप्त होती है।
2 – इसके तहत सरकारी कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है।
3 – पूरी पेंशन सरकार के द्धारा प्रदान की जाती है।
4 – पूरानी पेंशन स्कीम सेवानिर्वत्ति के बाद मेडिकल भत्ता तथा मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति की सुविधा भी प्रदान करती है।
5 – हर 6 महीने बाद मंहगाई भत्ता तथा GPF से Loan लेने की सुविधा प्राप्त होती है।
6 – रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन दिया जाता है।
7 – इस पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन प्राप्त होती है।
8 – पुरानी पेंशन स्कीम के तहत अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में सरकारी कर्मचारी को प्राप्त होता है।
9 – किसी भी सरकारी कर्मचारी की सेवा काल में मृत्यु होने पर डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा सातवें वेतन आयोग ने बढ़ा कर 10 लाख रूपये से बढ़ा कर 20 लाख रूपये कर दी है।
10 – इस पेंशन योजना के तहत किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन तथा नौकरी प्रदान की जाती है।
11 – GPF निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर किसी प्रकार का आयकर देय नहीं होता है।
Purani Pension Yojana से संबंधित Latest News यह है कि वर्ष 2022 से राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने जा रहा है। आने वाले कुछ समय में यदि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है, तो यूपी में भी पुरानी पेंशन बहाल होने का रास्ता साफ हो जायेगा।
1 – नई पेंशन योजना अर्थात अंशदायी पेंशन योजना में GPF की कोई सुविधा मौजूद नहीं है।
2 – इस पेंशन योजना में वेतन से 10% की कटौती की जाती है, जिससे सरकारी कर्मचारी बिल्कुल भी खुश नहीं हैं।
3 – नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है, यह पूरी तरह शेयर बाजार तथा बीमा कंपनी पर निर्भर रहती है।
4 – यदि पेंशन से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या आती है, तो सरकारी कर्मचारी को बीमा कंपनी से लड़ना पड़ता है।
5 – इसमें रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता तथा मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति की कोई सुविधा मौजूद नहीं है।
6 – नई पेंशन योजना के तहत पारिवारिक पेंशन योजना के लाभ को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
7 – इस पेंशन योजना में ऋण की सुविधा मौजूद नहीं है। (केवल विशेष परिस्थितियों में तथा कठिन प्रक्रिया के तहत रिफेंडेबल ऋण प्राप्त हो सकता है)
8 – New Pension Scheme के तहत रिटायरमेंट के समय अंशदान की 40% की राशि मिलती है, जिस पर आयकर देय होता है।
9 – नई पेंशन योजना पूरी तरह शेयर बाजार पर निर्भर है, जिससे यह सुरक्षित नहीं है।
10 – नई पेंशन योजना के तहत मंहगाई भत्ते तथा वेतन आयोग का कोई लाभ हासिल नहीं होता है।
सरकारी कर्मचारियों के अनुभव के आधार पर हम कह सकते हैं कि पुरानी पेंशन योजना, अंशदायी पेंशन योजना से ज्यादा अच्छी है क्योंकि इसमें रिटायरमेंट के बाद अधिक सुरक्षा हासिल होती है। यही कारण है कि पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने की मांग उठ रही है।
जी हां दोस्तों, राज्य के अपने विधिक अधिकार होते हैं, जो भारत के संविधान ने उन्हें दिये हैं, राज्य सरकार अपने राज्य के राज्य कर्मचारियों के लिये नियम व व्यवस्थायें लागू कर सकते हैं। इसी क्रम में राजस्थान ने जिस प्रकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है, उसके लिये वहां राज्य सरकार के बजट में पेंशन धनराशि की व्यवस्था की है। जिससे यह पूरी तरह वैधानिक है।
अभी वर्तमान में Purani Pension Yojana को राजस्थान ने लागू किया है। आने वाले समय में यह उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में भी लागू हो सकती है। इसके बाद अन्य राज्य भी इसे अपने यहां लागू करके सरकारी कर्मचारियों को राहत पहुंचाने का काम कर सकते हैं।
राजस्थान राज्य में वर्ष 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू हो चुकी है।
सरकारी कर्मचारियों की पेंशन वर्ष 2005 में बंद हुई थी।
अंशदायी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिये अपनी सैलरी से पैसा कटवा कर अंशदान करना होता है।
जी हां, Old Pension Scheme सरकारी कर्मचारियों की पसंदीदा पेंशन योजना है।
1 जनवरी 2004 तथा उसके बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आ जायेंगें। इन सभी को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त होगा।
जी नहीं, केंद्रीय कर्मचारियों को राज्य स्तर पर पुरानी पेंशन योजना का कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। केंद्रीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन केंद्र सरकार ही दे सकती है।
यदि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देना चाहेगी तो वह प्रदान कर सकती है। चूंकि राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करके केंद्र सरकार पर बढ़त हासिल कर ली है, इसलिये पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का दबाव अब केंद्र सरकार को झेलना होगा।
क्यों नहीं, यदि राजस्थान में पुरानी पेंशन मिल सकती है, तो यह उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश में संभव है।
जी हां, पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद अंशदायी पेंशन योजना का अस्तित्व स्वत: समाप्त हो जायेगा।
यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश सिंह यादव ने पार्टी के वचन पत्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया है। इसके लिये उन्होंनें प्रदेश के कर्मचारियों तथा आर्थिक सलाहकारों से बात करके रोड मैप तैयार कर लिया है।
जब देश में नई पेंशन योजना लागू हुई तो सरकारी कर्मचारियों ने इसे हाथोंहाथ लिया था। उन्हें लगा था कि यह पुरानी पेंशन प्रणाली से अधिक लाभकारी साबित होगी। लेकिन जल्द ही उन्हें इस बात का अहसास हो गया है कि अंशदायी पेंशन योजना उनके लिये बहुत नुकसानदेह साबित हो रही है और रिटायरमेंट के बाद भविष्य सुरक्षित रखने में सहायता नहीं करती है। यही कारण है कि उन्होंनें नई पेंशन योजना का विरोध कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने के मांग कर दी।
छत्तीसगढ़ की भूपेश वघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य में भी बजट सत्र 2022 के दौरान पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर दी है। अब छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकेगा।
दोस्तों, झारखंड सरकार ने 21 सितंबर 2022 को पुरानी पेंशन योजना से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही अब झारखंड भी अपने कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाला राज्य बन गया है। लेकिन इसके साथ ही झारखंड में नयी पेंशन योजना भी जारी रहेगी। प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को नयी तथा पुरानी पेंशन योजना में से किसी 1 योजना को चुनने का विकल्प प्रदान किया गया है। यदि कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेना नहीं चाहते तो वह नयी पेंशन योजना को जारी रख सकते हैं।
पंजाब की भगवंत मान की सरकार ने Old Pension Scheme Punjab 2023 से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही अब पंजाब में भी राज्य कर्मचारियों को Old Pension Scheme का लाभ हासिल होगा। इसके साथ ही पंजाब में पुरानी पेंशन योजना के लिये रिजर्व फंड बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी स्पष्ट कर दिया है, कि वह हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना 2023 लागू करने जा रहे हैं। अब हिमाचल राज्य के सरकारी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ 2023 से मिलना शुरू हो जायेगा।
संसद में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान एक प्रश्न के तहत एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने कहा कि वित्त मंत्रालय को देश के 5 राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश के द्धारा पुरानी पेंशन लागू करने की आधिकारिक सूचना दी है। इसलिये पांचों राज्यों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को अपनाने का विधिवत निर्णय कर लिया है।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट सभी राज्यों में पुरानी पेंशन योजना कब लागू होगी – Purani Pension Yojana Rajasthan / Uttar Pradesh यदि आप Old Pension Scheme से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
This post was last modified on October 22, 2023
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