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भारत दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां समाज कल्याण के कामों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है।
भारत में NGO, फाउंडेशन व धर्मार्थ कार्यों के लिये बनाये गये ट्रस्ट समाज कल्याण के कार्यों को बड़े पैमाने पर करते हैं।
देश में स्वयंसेवी संगठन (NGOs) के अलावा केंद्र व राज्य सरकारों के द्धारा भी तमाम Social Welfare Schemes चलाई जाती हैं।
साथ ही पूरे देश में हर उम्र के लोग भी व्यक्तिगत स्तर पर छोटे छोटे समूह बना कर समाजसेवा के तौर पर जगह जगह अथवा त्यौहारों के मौके पर लंगर, भोज आदि कराते हुए दिखाई पड़ ही जाते हैं।
इस प्रकार के लंगर व भोज आदि कराने का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के भूखे लोगों को निशुल्क भोजन कराना होता है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के Sanskirti Mantralaya ने Seva Bhoj Yojana की शुरूआत की है। ताकि देश में गरीब व भूखे लोगों को निर्बाध रूप से भोजन मिलता रहे।
Seva Bhoj Yojana क्या है (2021)
Seva Bhoj Yojana को भारत के संस्कृति मंत्रालय के द्धारा चलाया जा रहा है। इस योजना की शुरूआत जून 2018 में की गयी थी।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने वर्ष 2018-19 व 2019-20 के लिये 325 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है।
जो स्वयंसेवी संगठन और धर्मार्थ संस्थान एवं ट्रस्ट समाज कल्याण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अपने स्तर पर समाज के गरीब, भूखे व तिरस्कृत लोगों को भोज, लंगर अथवा भंडारे के आयोजनों के जरिये भोजन कराते हैं, उन्हें Seva Bhoj Yojana का लाभ प्रदान किया जाएगा।
Seva Bhoj Yojana का मुख्य उद्देश्य
संस्कृति मंत्रालय की सेवा भोज योजना के तहत केंद्र सरकार लंगर, सामुदायिक रसोईघर, भोज, भंडारे आदि के लिये घी, तेल, आटा, रवा, चीनी, गुड़, चावल, दाल, मैदा आदि जैसे जरूरी वस्तुओं की खरीद पर केंद्रीय वस्तु और सेवाकर (CGST) तथा एकीकृत वस्तु सेवाकर (IGST) के रूप में लिया जाने वाला अपना हिस्सा लौटा देगी।
ताकि गरीब व भूखे लोगों को भोजन कराने के काम में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। भूखों को पर्याप्त भोजन मिले यह जिम्मेदारी सरकारों की होती है। और यह जिम्मेदारी देश की केंद्र सरकार बखूबी उठा भी रही है।
CGST और IGST के तहत लिये जाने वाले Tax का हिस्सा लौटाने का उद्देश्य परोपकारी व धर्मार्थ कार्यो में लगे संगठनों के ऊपर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करना है।
Seva Bhoj Yojana के लिये जरूरी पात्रता
- इस योजना के तहत मंदिर, मस्जिद, गुरूद्धारा, मठ, गिरजाघर, दरगाह, धार्मिक आश्रम, परोपकार में लगे संगठन आदि इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
- ऐसे सभी संस्थान अथवा धर्मार्थ ट्रस्टों का पिछले 5 वर्षों से सेवा कार्य में लगे होना अनिवार्य है।
- धर्मार्थ संस्थान, ट्रस्ट आदि एक माह में कम से कम 5000 भूखे लोगों को भोजन कराते हों, पात्र माने जाएंगें।
- जो स्वयंसेवी संगठन अथवा ट्रस्ट आयकर की धारा 10 (23 BBA) के अधीन हों, वह आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन करने वाले संस्थान सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा XXI के तहत पंजीकृत होने आवश्यक हैं।
- किसी भी अन्य अधिनियम के तहत बनी सोसाइटी अथवा धमार्थ ट्रस्ट आयकर अधिनियम की धारा 10 AA के तहत पंजीकृत संस्थान भी सेवा भोज योजना में आवेदन करने योग्य मानें जाएंगे।
Seva Bhoj Yojana Me Awedan kaise Kare
Seva Bhoj Yojana में अभी Online Avedan करना संभव नहीं है। लिहाजा इसमें ऑफलाइन ही आवेदन किया जा सकता है।
यदि आप सेवा भोज योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको संस्कृति मंत्रालय की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के प्रकाशित होने का इंतजार करना होगा।
इस योजना में आवेदन करने के लिये स्वयंसेवी संगठन, ट्रस्ट, फाउंडेशन, सोसाइटी तथा अन्य धर्मार्थ संस्थानों का Darpan Portal पर पंजीकृत होना बहुत आवश्यक है।
इसलिये आप सेवा भोज योजना का विज्ञापन प्रकाशित होने से पूर्व ही अपने संस्थान का रजिस्ट्रेशन दर्पण पोर्टल पर अवश्य करा लें।
जब विज्ञापन प्रकाशित हो तो आप संबंधित फार्म पर सभी जरूरी दस्तावेजों को संलंग्न करके संस्कृति मंत्रालय में भेज कर आवेदन कर सकते हैं।
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