What is Parali in Hindi : दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम देश की एक गंभीर समस्या बन चुकी पराली (PARALI) के बारे में बात करने जा रहे हैं। उत्तर भारत के कुछ राज्य जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड आदि हैं। यहां के किसान अपने खेतों में पराली जलाते हैं।
जिसकी वजह से पूरे उत्तर भारत में पराली का धुआं हर साल नवंबर माह में फैलना शुरू हो जाता है। पराली जलाने से फैलने वाले धुयें का सबसे ज्यादा असर देश की राजधानी दिल्ली पर पड़ता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने राज्य में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कई बार पंजाब, हरियाणा तथा उत्तरप्रदेश से अपने अपने राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने की मांग भी लगातार करते आ रहे हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की मार सबसे ज्यादा है। यहां एक धूम्रपान न करने वाला व्यक्ति भी 45 सिगरेट के बराबर का धुआं अपने अंदर लेता है।
इसी बात से परेशान होकर माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी पराली जलाने पर रोक लगा रखी है। लेकिन इसके बावजूद राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में किसानों के द्धारा Parali लगातार जलाई जा रही है। जिसका धुंआ लगातार नईदिल्ली में पहुंच रहा है और वहां प्रदूषित धुंध का कारण भी बन रहा है।
पराली (PARALI) कई प्रकार की फसलों जैसे धान, गेंहूं, चना, दलहनी फसलों की कटाई के बाद पैदा होती है। यह फसली पौधों का निचला भाग होता है। जिसे किसान अपने लिये अनुपयोगी मानते हैं और नई फसल के लिये अपना खेत तैयार करने के लिये पराली को आग के हवाले कर देते हैं।
इस तरह उनका खेत अगली फसल बोने के लायक तो हो जाता है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में इतना प्रदूषण होता है, कि पूरे उत्तर भारत के राज्यों में जहरीले धुयें की धुंध छा जाती है।
आज प्रदूषण भारत की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या है। इसका सीधा कारण राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी है। यदि कोई एक व्यक्ति प्रदूषण की रोक थाम को लेकर कोई कड़ा कदम उठाता है, तो दूसरा राजनैतिक दल अपने निजी फायदे के लिये उस कदम को गलत ठहराने पर आमादा हो जाता है। यह एक कड़वी सच्चाई है, जिसे देश के सभी नागरिकों को स्वीकार करना चाहिए।
किसान पराली जलाने को अपना अधिकार बताते हैं, तो उन्हें इस बात का भी थोड़ा बहुत ज्ञान होना चाहिये कि पराली जलाने के नुकसान क्या होते हैं?
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कुछ समय पहले भारत के उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाये जाने को लेकर खुद ही संज्ञान लिया था। जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था।
साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने खेतों में पराली (PARALI) न जलाने वाले किसानों को पराली न जलाने के लिये प्रोत्साहन दिये जाने के भी निर्देश जारी किये थे।
जिसके बाद पंजाब तथा हरियाणा ने किसानों के बीच पराली न जलाने को लेकर कुछ कार्यक्रम भी बनाये तथा कुछ किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करना भी शुरू किया था।
पंजाब तथा हरियाणा ने अपने राज्यों के किसानों के लिये PARALI Yojana 2020 बनाई है। जिसके लिये सरकारें पराली नहीं जलाने पर किसानों को प्रति कुंतल 100 रूपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है।
यह राशि हरियाणा राज्य में दी जा रही है। इसी प्रकार पंजाब में भी किसानों को प्रोत्साहन राशि पराली योजना के तहत दी जा रही है।
हरियाणा में 6 नवंबर 2019 से अब तक 143 छोटे व सीमांत किसानों को 100 रूपये प्रति कुंतल के आधार पर कुल 7 लाख 28 हजार 730 रूपये की प्रोत्साहन राशि पराली योजना के तहत वितरित की जा चुकी है।
पराली जलाने वाले राज्यों में किसानों को पराली का प्रबंधन करने के बारे में भी शिक्षित किया जा रहा है। ताकि किसान पराली को न जलायें तथा उसका प्राकृतिक तरीके से उचित प्रबंधन कर सकें।
Central Sector Scheme on ‘Promotion of Agricultural Mechanization for In-Situ Management of Crop Residue in the State of Punjab, Haryana, Uttar Pradesh & NCT of Delhi नाम की यह योजना देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में संचालित की जा रही है।
पराली का उपयोग : इस योजना के तहत Punjab, Haryana, Uttar Pradesh & NCT of Delhi आदि राज्यों में In Situ Parali Management Scheme के तहत किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस योजना के तहत खेतों में मौजूद पराली का मशीनों के द्धारा भूसा बनाया जाता है और फिर इसी भूसे को खेत में मिला दिया जाता है। ताकि इसकी उचित प्रकार से खाद बन सके और किसानों को इस खाद की बदौलत अच्छी फसल का लाभ मिल सके।
दूसरी योजना के तहत पराली से छुटकारा पाने के लिये जो Management विधि प्रयोग की जा रही है। उसके तहत पराली का भूसा बनाया जाता है। लेकिन उसे खेतों में मिटटी में न मिला कर गौशालाओं में भेज दिया जाता है, ताकि पशुओं को भी भोजन मिल सके।
केंद्र सरकार पोषित इस योजना के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। लेकिन इस योजान का सही ढंग से क्रियान्वयन संबंधित राज्यों के द्धारा ही किया जाना है।
Parali का लेकर हरियाणा कुछ गंभीर दिखाई पड़ता है। हरियाणा में राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। जो अपने खेतों में कृषि यंत्रों का प्रयोग करते हैं।
यहां किसानों को इस मद में 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रत्येक किसान को दी जा रही है। जल्दी ही पूरे राज्य में सर्वे भी कराया जाएगा। इस सर्वे में जो किसान कृषि यंत्रों का उपयोग करते पाये जाएंगें उन्हें तुरंत 1000 रूपये की धनराशि प्रदान कर दी जाएगी।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्णं सवाल है, कि यदि किसानों ने पराली जलाई तो उनके साथ क्या होगा? जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाये जाने को लेकर सख्त आदेश देश की केंद्र तथा राज्य सरकारों को दिया है।
ऐसे में कोई भी सरकार कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का जोखिम नहीं ले सकती है। क्योंकि आदेश की अवहेलना करने वाली राज्य सरकारों पर उच्चतम न्यायालय के द्धारा कड़ी कार्रवाही की जा सकती है।
ऐसी स्थिति में किसानों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिये। कि यदि उन्होंनें पराली जलाई तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाही की जा सकती है।
पराली जलाने वाले किसानों पर पंजाब, हरियाण तथा उत्तरप्रदेश में FIR दर्ज कर मुकदमा पंजीकृत किया जाना लगा है। पंजाब में 3000 किसानों पर जुर्माना लगाया जा चुका है।
वहीं सैटेलाइट की Images के जरिये उत्तरप्रदेश के जालौन जिले की कालपी तहसील में भी 2 किसान पराली जलाते हुये पाये गये। इन पर FIR दर्ज की जा चुकी है।
भविष्य में किसानों को पराली से संबंधित नई योजनायें मिलेगीं। जिनके जरिये किसानों को पराली के निस्तारण के लिये मशीनें तथा कुछ पैसा उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं पराली जलाने वाले किसानों पर FIR दर्ज कर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा तथा उन पर भारी अर्थदंड भी लगाया जाएगा। जिसके लिये किसानों को तैयार रहना होगा।
You Can Earn Money from Parali in 2022 : भारत एक ऐसा देश है, जहां लोग अक्सर काम की चीजों को भी बेकार समझते हैं। ऐसी ही एक चीज पराली है। यदि देश के किसान तथा बेरोजगार युवा पराली का ठीक ढंग से प्रबंधन करना सीख लें तो धान अथवा गेहूं की 1 टन पराली से 50000 रूपये तक कमा सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि 1 टन Parali में 5.50 किलो नाइट्रोजन, 1.30 किलो सल्फर, 25 किलो पोटेशियम तथा 2.3 किलो फॉस्फोरस मिलता है।
इसके अलावा पराली से गैस संयंत्र भी बन सकता है। इस गैस से खाना बनाया जा सकता है तथा वाहनों को भी चलाया जा सकता है।
पराली प्रबंधन के जरिये कोई भी व्यक्ति गैस के साथ साथ अच्छी गुणवत्ता वाली खाद भी हासिल कर सकता है। इसकी बाजार में कीमत करीब 5000 रूपये प्रति टन होती है। इस पूरी प्रक्रिया के तहत आर्थोसिलिक एसिड भी मिलता है। जिसे बाजार में बेंच कर पैसे कमाये जा सकते हैं।
तो दोस्तों यह थी हमारी Parali Kya Hai? Parali Yojana क्या है? यदि आपके मन में पराली से संबंधित कोई अन्य प्रश्न है, जिसका आप जवाब चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं।
This post was last modified on August 23, 2022
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